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मालामाल हो रहे रामलला ,चढ़ावा के रूप जमा हो रही हर दिन डेढ़ करोड़ की राशि

Ayodhya News: अयोध्या में बने रहे प्रभु श्रीराम के मंदिर की भव्यता दुनिया में निराली होगी। यह मंदिर भक्तो का केंद्र तो होगा ही पर्यटकों के लिए भी आकर्षक होगा। सैकड़ों कारीगर दिन रात इस मंदिर के निर्माण में जुटे हुए हैं। अभी रामलला अस्थाई मंदिर में बिराजमान हैं और अगले साल अपने स्थाई मंदिर में बिराज जायेंगे। तब हिन्दुओं का साकार होगा। देश में अलख जगाया जाएगा। भारत के कण -कण में प्रभु श्रीराम जो वास करते हैं।


लेकिन सबसे बड़ी बात है कि रामलला अभी से ही करोड़ों का चढ़ावा प् रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक अभी हर रोज करीब 50 हजार भक्त रामलला का दर्शन करने पहुँचते हैं और प्रभु के चरणों में चढ़ावा चढ़कर धन्य हो रहे हैं। प्रभु के मंदिर निर्माण निधि में अभी तक 3400 करोड़ की राशि जमा हुई थी। उसी से मंदिर का निर्माण चल रहा है। और अब हर महीने करीब डेढ़ करोड़ का चढ़ावा चढ़ रहा है। कहा जा रहा है कि जैसे ह मंदिर का निर्माण पूरा हो जायेगा हर जायेगा करीब एक लाख भक्त मंदिर पहुंचेंगे और चढ़ावा राशि भी बढ़ती जाएगी। आगे का निर्माण चलता रहेगा।
जानकारी के मुताबिक अभी दानपात्र में करीब 70 लाख का चढ़ावा हर महीने सिक्कों और नोटों में जमा हो रहा है। 11 लोगों की टीम नोटों की गिनती में लगी रहती है। इस टीम में दस लोग उन बैंकों के हैं जहाँ मंदिर ट्रस्ट का खाता खुला हुआ है। एक से दस तक के सिक्कों को अलग गिना जाता है। इसी तरह दस से पांच सौ के नोटों को अलग रखा जाता है। पैकेट बनाकर सील कर दिया जाता है।
मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश कुमार गुप्ता है। गुप्ता कहते हैं कि मंदिर के दान पत्र में हर रोज करीब साथ -सत्तर लाख की राशि आती है। दर्शन मार्ग पर स्थित कम्प्यूटरकृत कार्यालय में भी करीब 60 लाख रुपये जमा हो रहे हैं। दस बजे से बैंकों के कर्मचारी यहाँ पहुँच जाते हैं और नोटों की गिनती शुरू कर देते हैं। यह काम शाम तक चलता रहता है। यहाँ सुरक्षा गार्ड भी तैनात रहते हैं।

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मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय कहते हैं कि अनुमान के मुताबिक मंदिर निर्माण में करीब 1800 करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं। फ़िलहाल मंदिर का निर्माण इसी बजट को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। आगे और जो भी काम का विस्तार होगा तो खर्च और भी बढ़ जायेंगे। मंदिर निर्माण के लिए पैसों की कोई कमी नहीं होगी। आने वाले समय में दान और भी बढ़ेंगे।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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