Registration and permit of e-rickshaws in Haldwani: हल्द्वानी में 1620 ऑटो और 3500 से अधिक ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन और परमिट रद्द होने की कगार पर, 28 नवंबर सत्यापन की आखिरी तारीख
ऑटो और ई-रिक्शा संचालकों के लिए अल्टीमेटम! 28 नवंबर तक सत्यापन करवाना अनिवार्य है, वरना रजिस्ट्रेशन रद्द होने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
Registration and permit of e-rickshaws in Haldwani: हल्द्वानी: शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने और महिला सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए परिवहन विभाग ने ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की है। लेकिन निर्धारित समय सीमा के अंदर सत्यापन न कराने वाले वाहन चालकों के लिए यह मुश्किल भरा साबित हो सकता है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि 28 नवंबर तक सत्यापन नहीं कराने वाले 1620 ऑटो और 3500 से अधिक ई-रिक्शा के परमिट और रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिए जाएंगे।
सत्यापन की आवश्यकता क्यों?
शहर में ट्रैफिक दबाव बढ़ता जा रहा है, और अवैध रूप से चल रहे ऑटो व ई-रिक्शा की वजह से यह समस्या और गंभीर हो गई है। महिला सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी के निर्देश पर परिवहन विभाग ने हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा का सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत वाहनों के दस्तावेजों के साथ-साथ चालकों का भी सत्यापन किया जा रहा है।
भारी संख्या में वाहनों का सत्यापन बाकी
संभागीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) हल्द्वानी, संदीप सैनी ने बताया कि हल्द्वानी शहर के 16 किलोमीटर के दायरे में चलने वाले 3298 ऑटो रिक्शा पंजीकृत हैं। इनमें से केवल 1678 ऑटो रिक्शा चालकों ने ही सत्यापन की प्रक्रिया पूरी की है। इसी तरह, शहर में कुल 4098 ई-रिक्शा पंजीकृत हैं, लेकिन अभी तक केवल 500 ई-रिक्शा ही सत्यापन करवा पाए हैं।
28 नवंबर के बाद होगी सख्त कार्रवाई
परिवहन विभाग ने साफ कर दिया है कि 28 नवंबर की अंतिम तिथि के बाद बिना सत्यापन के सड़क पर दौड़ रहे ऑटो और ई-रिक्शा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इनमें परमिट और रजिस्ट्रेशन रद्द करने के साथ-साथ वाहन सीज करने की कार्रवाई भी शामिल है। विभाग ने पहले भी कई चरणों में सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन अपेक्षित संख्या में वाहन मालिकों ने अभी तक इस प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया है।
सुरक्षा और नियमों का पालन अनिवार्य
परिवहन विभाग का मानना है कि सत्यापन से शहर में अवैध रूप से चल रहे वाहनों की पहचान की जा सकेगी, जिससे यातायात प्रबंधन में सुधार होगा और महिलाओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी। इसके अलावा, अवैध वाहनों को संचालन से रोकने से ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा।
वाहन चालकों से अपील
आरटीओ संदीप सैनी ने सभी ऑटो और ई-रिक्शा संचालकों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपने दस्तावेजों का सत्यापन करवा लें। उन्होंने कहा, “सत्यापन न कराने वाले चालकों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। 28 नवंबर के बाद बिना सत्यापन के पाए जाने वाले वाहनों का परमिट और रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाएगा।”
यह अभियान न केवल ट्रैफिक की समस्या को हल करने में मदद करेगा, बल्कि शहर की सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत करेगा। वाहन चालकों को चेतावनी दी गई है कि वे समय रहते सत्यापन प्रक्रिया पूरी कर लें, अन्यथा उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।