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Republic Parade: गणतंत्र परेड में दिखेगी देश की समृद्ध संस्कृतियों की झलकियां 

देश की समृद्ध झलकियां इस बार गणतंत्र दिवस परेड में दिखाई पड़ेगी। बड़े जोड़ो से इसकी तैयारी भी चल रही है। जानकारी के मुताबिक़ 26 जनवरी,2023 को कर्तव्‍य पथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड (Republic Parade) के दौरान 17 राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 23 झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी। इनके अलावा परेड में केन्‍द्रीय मंत्रालयों तथा विभागों की छह झांकियां भी शामिल होंगी। इन झांकियों में देश की समृद्ध सांस्‍कृतिक धरोहर, आर्थिक और सामाजिक प्रगति तथा आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा को दर्शाया जाएगा।

इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड (Republic Parade) के दौरान देश की भौगोलिक और समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हुए को विभिन्न सफलताओं को प्रदर्शित किया जाएगा। 17 झांकियां असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, दादर नगर हवेली तथा दमन व दीव, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक एवं केरल जैसे राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों की ऐतिहासिक विरासत वाली झलक प्रस्तुत करेंगी।

संस्कृति मंत्रालय, गृह मंत्रालय के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल,नारकोटिक्स  कंट्रोल ब्यूरो, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (केंद्रीय लोक निर्माण विभाग), जनजातीय कार्य मंत्रालय तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) से आने वाली छह झांकियां पिछले कुछ वर्षों में किए गए कार्यों व उपलब्धियों को दर्शाएंगी।

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गणतंत्र दिवस परेड (Republic Parade) के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियों का चयन आंचलिक आधार पर किया गया है, जिसमें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को छह मंडलों उत्तरी क्षेत्र, मध्य क्षेत्र, पूर्वी क्षेत्र, पश्चिमी क्षेत्र, दक्षिणी क्षेत्र और पूर्वोत्तर क्षेत्र में वर्गीकृत किया गया है। आम तौर पर, गणतंत्र दिवस परेड के लिए प्रत्येक क्षेत्र के आनुपातिक परिमाण के आधार पर राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों से लगभग 15 झांकियों का चयन किया जाता है।

बता दें कि चयन प्रक्रिया में एक विशेषज्ञ समिति द्वारा विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियों के प्रस्तावों की जांच की गई। इसके अलावा समिति के सदस्यों द्वारा झांकी की विषय-वस्तु, प्रस्तुति, कलात्मक प्रदर्शन और तकनीकी अंशों पर राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ कई दौर की बातचीत भी हुई थी। कहा जा रहा है कि इस बार की झलकियां और सालों से अलग होगी। जिन राज्यों की झलकियां तैयार की गई है सब विकास और उसकी संस्कृति को आगे बढ़ाने वाली है।

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