Road Safety Campaign: बिना दस्तावेज़ चल रही गाड़ियों पर अब नहीं चलेगी ढील – सीएम मोहन का सख्त आदेश
मध्य प्रदेश में अब सड़क पर बिना वैध दस्तावेज़ के वाहन चलाना भारी पड़ सकता है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं कि गाड़ियों की जांच के दौरान अगर एक भी जरूरी दस्तावेज अधूरा पाया गया, तो संबंधित वाहन मालिक या चालक पर सख्त कार्रवाई की जाए।
Road Safety Campaign: मध्य प्रदेश में अब सड़क पर बिना वैध दस्तावेज़ के वाहन चलाना भारी पड़ सकता है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं कि गाड़ियों की जांच के दौरान अगर एक भी जरूरी दस्तावेज अधूरा पाया गया, तो संबंधित वाहन मालिक या चालक पर सख्त कार्रवाई की जाए। यह निर्णय राज्य में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों, अवैध परिवहन और नियमों की अनदेखी को देखते हुए लिया गया है।
क्यों लिया गया यह निर्णय?
राज्य में हाल ही में हुए कुछ बड़े सड़क हादसों ने शासन को झकझोर कर रख दिया है। जांच में पाया गया कि इन दुर्घटनाओं में शामिल अधिकांश गाड़ियों के दस्तावेज या तो एक्सपायर्ड थे या फिर फर्जी। इससे न केवल जनहानि हुई बल्कि कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए। सीएम मोहन ने स्पष्ट किया है कि राज्य में ट्रैफिक नियमों को लेकर अब “जीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाई जाएगी।
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किन दस्तावेज़ों का होना जरूरी?
मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार, यदि आपकी गाड़ी के पास नीचे दिए गए दस्तावेज़ों में से कोई भी अधूरा या अनुपस्थित पाया गया, तो तत्काल चालानी कार्रवाई की जाएगी:
वैध ड्राइविंग लाइसेंस
रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC)
वाहन बीमा (Insurance)
पॉल्यूशन सर्टिफिकेट (PUC)
फिटनेस सर्टिफिकेट (व्यावसायिक वाहनों के लिए)
परमिट (व्यावसायिक वाहनों के लिए)
क्या होगी कार्रवाई?
यदि वाहन चालक दस्तावेज़ प्रस्तुत नहीं कर पाता है, तो उस पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत भारी जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही वाहन जब्त करने की कार्रवाई भी हो सकती है। दोबारा उल्लंघन की स्थिति में ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किया जा सकता है और वाहन मालिक को न्यायालय में पेश होना पड़ेगा।
स्कूल बसों और कमर्शियल वाहनों पर खास नजर
सीएम मोहन ने स्पष्ट किया है कि स्कूल बसों, ऑटो, टैक्सियों और अन्य सार्वजनिक वाहनों की सघन जांच की जाएगी। हाल ही में हुई बस दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, परिवहन विभाग को आदेश दिया गया है कि ऐसे वाहनों का साप्ताहिक निरीक्षण किया जाए और बिना फिटनेस व परमिट वाले वाहनों को सड़कों से हटाया जाए।
आम जनता से भी की अपील
सरकार ने आम जनता से आग्रह किया है कि वे अपने वाहनों के सभी दस्तावेज समय पर अपडेट और नवीनीकृत करते रहें। वाहन चालकों और मालिकों को चेताया गया है कि फर्जी या पुराने दस्तावेजों पर निर्भर न रहें, क्योंकि अब डिजिटल वेरिफिकेशन सिस्टम के ज़रिए ऐसे मामलों का तुरंत खुलासा हो जाता है।
डिजिटल निगरानी होगी तेज
राज्य सरकार अब स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम और डिजिटल कैमरों के जरिए भी वाहनों की निगरानी को बढ़ावा दे रही है। ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडिंग (ANPR) तकनीक से ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की पहचान तेजी से की जाएगी।
सीएम मोहन यादव की यह पहल एक मजबूत संदेश देती है कि यातायात नियमों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कदम न सिर्फ सड़क हादसों को कम करने में सहायक होगा बल्कि परिवहन व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाएगा। अगर आप भी वाहन चला रहे हैं, तो अपने दस्तावेज तुरंत जांच लें – कहीं आप भी नियम उल्लंघन के दोषी न बन जाएं।
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