RSS Chief Mohan Bhagwat: संघ प्रमुख मोहन भागवत ने साफ़ कर दिया है कि भारत में रहने वाले हर मुसलमान भी हमारे ही हैं और यह देश भी उनका ही है। जिस तरह से भारत हिन्दुओं का देश है ठीक उसी तरह से यह देश उनका भी है। केवल हम पूजा पद्धति ही अलग-अलग करते हैं। इसलिए देश का कोई भी मुसलमान हमसे अलग नहीं है। वे यही रहेंगे और संघ का कोई पराया नहीं है। मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के ये बयान तब सामने आये हैं जब लखनऊ में पिछले चार दिनों से संघ की बैठक चल रही थी। सोमवार को सत्र के अंत में मीडिया से बात करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि अब हमें मिलकर इस देश के लिए निर्माण का काम करना है।
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मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने यह जरूर कहा कि संघ के लोगों को ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है जो देश विरोधी काम करते हैं, जो समाज विरोधी काम करते हैं और समाज में जहर फैलाने का काम करते हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित करने की जरूरत है और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग हमारा भी विरोध करते हैं वे भी अपने ही है। लेकिन उनका कोई अहित होना चाहिए। इसका ध्यान रखने की जरूरत है।
भागवत ने कहा कि संघ ने यह निर्णय लिया है कि 2025 में पूर्णकालिक कार्यकर्ता पर अधिक ध्यान केंद्रित होगा। बता दें कि संघ ने हाल में ही एक योजना की तैयारी की है। उन्होंने कहा कि जिन देशों में हिन्दू अल्पसंख्यक हैं और हिन्दुओं पर हमले हो रहे हैं संघ परिवार ऐसे हमलों की निंदा करता है और आगे भी करता रहेगा। पत्रकारों से बात करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि बांग्लादेश में आज हिन्दुओं और बौद्धों पर हमले हो रहे हैं। वहां मानवाधिकारों का हनन हो रहा है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और अब इस मसले को वैश्विक हिन्दू समुदाय और संगठनों को उठाने की जरूरत है।
भागवत ने कहा कि संघ को समाज के हर लोगों तक पहुंचने की जरूरत है। जो अपने काम के अलावा राष्ट्र के निर्माण में लगा हुआ है उसका साथ देना जरुरी है। लेकिन जो लोग समाज और देश को तोड़ने में लगे हैं उनका विरोध जरुरी है और ऐसे लोगों को दण्डित किये जाने की भी जरूरत है।
भागवत (Mohan Bhagwat) ने ख़ास तौर से इस बात पर जोर दिया कि लव जिहाद और धर्मान्तरण का मुद्दा कही से भी उचित नहीं। इस पर रोक लगाने की जरूरत है। यह आज चिंता का बड़ा कारण है और यह मुद्दा संघ का शीर्ष अजेंडा है. इस खेल को रोकना ही होगा। धर्मान्तरण और लव जिहाद को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इस पर कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है। इससे समाज और देश में जहर का वातावरण तैयार हो रहा है।
भागवत ने कहा कि 2025 में संघ सौ साल का हो जाएगा। हमारी कोशिश यही है कि आने वाले दो वर्षों में संघ उन जगह भी पहुंच जाए जहां अभी तक इसकी पहुंच नहीं हुई है। भागवत ने कहा कि समाज और देश के हर संगठनों के बीच हमारी पहुंच हो यही हम चाहते है ताकि समाज का कल्याण हो सके।
लेकिन संघ के इन बयानों के बाद अब चर्चा इस बात को लेकर होने लगी है कि भागवत (Mohan Bhagwat) आखिर इस तरह के बयान क्यों देने लगे हैं? आखिर मुस्लिम प्रेम क्यों जाग रहा है? जानकार कह रहे हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए संघ ने अपनी नीति को बदलने की कोशिश की है। संघ चाहता है कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ मुस्लिम समाज के लोग भी जुटे और बीजेपी को वोट दे। संघ यह भी समझ रहा है कि आगामी चुनाव काफी कठिन है। एक तरफ इंडिया और दूसरी तरफ एनडीए है आगे चाहे जो भी हो लेकिन अभी इंडिया तो भारी पड़ता दिख ही रहा है।