नई दिल्ली/मुंबई: शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत के बागी विधायकों को मनाने की कोशिश में एमवीए (महा विकास अघाड़ी) छोड़ने वाले बयान से कांग्रेस-एनसीपी की शिवसेना से दूरी बढने लगी हैं। राउत ने एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों को मनाने की सारी कोशिशें नाकाम रही हैं और उद्धव ठाकरे की शिवसेना की हालत बद से बदतर स्थिति में हो गयी है।
संजय राउत के एकनाथ शिंदे गुट पर शिवसेना विधायकों का अपहरण करने और जबरन गुवाहाटी के पंच सितारा होटल में रोकने के आरोप से भी विधायक और नाराज हो गये हैं। इससे उनके लौटकर उद्धव ठाकरे गुट में आने की कोई गुंजाईश नहीं है। शिंदे के कैंप में 37 शिवसेना सहित 42 विधायक हैं और सभी ने साफ-साफ कह दिया है कि वे अपने नेता एकनाथ शिंदे का साथ हैं और जो भी निर्णय वे लेंगे, हम सब विधायक उन्ही के निर्णय के साथ होंगे।
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शिवसेना में बिखराव से अब कांग्रेस भी शिवसेना के खिलाफ आवाज उठाने लगी है। कांग्रेस नेता अजीत पवार का कहना है कि उनकी पार्टी के मंत्रियों को परेशान कराया जा रहा है। कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने तो महाराष्ट्र की सियासी संकट के लिए सीधे-सीधे बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा दिया है। मल्लिकार्जुन का कहना है कि शिंदे के साथ गये सभी शिवसेना विधायकों को मुंबई से पहले सूरत ले जाना और फिर वहां से गुहावाटी शिफ्ट किया जाने के पीछे सारी चाल भाजपा की है। वह उद्धव सरकार को गिराने की कोशिश में है।
महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल एनसीपी(राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) प्रमुख शरद पवार ने भी अपने स्तर से इस राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को हर संभव सपोर्ट किया, लेकिन उद्धव के खुद ही वर्तमान राजनीतिक हालात से लड़ने से पहले ही हार मान लेने से उन्हें भी भारी निराशा है। बहरहाल महाराष्ट्र में चल रहे हाईवोल्टेज राजनीतिक ड्रामा का पटाक्षेप होने में अभी एक-दो दिन और लग सकता है।