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All India Sub Junior Ranking Badminton: ऑल इंडिया सब जूनियर रैंकिंग बैडमिंटन में उत्तराखंड की शांभवी रौथाण ने जीता गोल्ड मेडल, राज्य का नाम किया रोशन

ऑल इंडिया सब जूनियर रैंकिंग बैडमिंटन में उत्तराखंड की शांभवी रौथाण ने जीता गोल्ड मेडल, राज्य का नाम किया रोशन

All India Sub Junior Ranking Badminton: पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड की बेटियों ने हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है, फिर चाहे वह शिक्षा, खेल, या समाज सेवा हो। इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ा है शांभवी रौथाण का, जिन्होंने अपने राज्य और परिवार का मान बढ़ाते हुए ऑल इंडिया सब जूनियर रैंकिंग बैडमिंटन प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल किया है। पौड़ी गढ़वाल की इस प्रतिभावान खिलाड़ी ने देशभर से आए सैकड़ों प्रतिभागियों के बीच अपनी मेहनत और लगन से गर्ल्स डबल्स अंडर-17 वर्ग में पहला स्थान प्राप्त कर पूरे उत्तराखंड को गौरवान्वित किया है।

जयपुर में आयोजित टूर्नामेंट में शांभवी की चमक

ऑल इंडिया सब जूनियर रैंकिंग बैडमिंटन टूर्नामेंट का आयोजन 7 से 12 नवंबर 2024 के बीच राजस्थान के जयपुर में किया गया, जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों से आए खिलाड़ियों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में शांभवी ने गर्ल्स डबल्स अंडर-17 वर्ग में गोल्ड मेडल जीता। इसके अलावा, मिक्स्ड डबल्स अंडर-17 वर्ग में भी उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर तीसरा स्थान प्राप्त किया। इस उपलब्धि ने न केवल शांभवी के परिवार को गर्वित किया है बल्कि पूरे उत्तराखंड में खुशी की लहर दौड़ाई है। उनके पिता शैलेन्द्र रौथाण ने गर्वित होकर कहा कि उनकी बेटी की इस जीत ने पूरे परिवार और उत्तराखंड को गौरव का एहसास कराया है।

शुरू से ही मेहनत और संघर्ष का सफर

शांभवी का सफर आसान नहीं रहा। महज 8 साल की उम्र से ही उन्होंने बैडमिंटन खेलना शुरू किया। पौड़ी गांव की रहने वाली इस होनहार खिलाड़ी ने अपने खेल को तराशने के लिए बचपन से ही कड़ी मेहनत की है। हर दिन सुबह 4 बजे उठकर इंडोर कोर्ट में अभ्यास करना उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गया था। दिन-रात कठिन परिश्रम और तकनीकी बारीकियों को सीखने के जुनून ने उन्हें यहां तक पहुंचाया। शांभवी के कोच ने बताया कि उनकी लगन और मेहनत से यह साफ था कि वे एक दिन बहुत ऊंचाईयों तक पहुंचेंगी।

त्योहार और समारोह छोड़ सिर्फ खेल पर ध्यान

शांभवी का समर्पण केवल उनकी दिनचर्या तक ही सीमित नहीं रहा। उन्होंने अपनी बैडमिंटन प्रैक्टिस पर पूरी तरह से ध्यान देने के लिए अपने जन्मदिन, शादियों, और त्योहारों जैसी सामाजिक गतिविधियों में भी जाना छोड़ दिया। शांभवी का कहना है कि “बैडमिंटन मेरा जुनून है और मैं इसे पूरी शिद्दत के साथ करती हूं। चाहे कितनी भी कठिनाइयां आएं, मेरा एक ही लक्ष्य है कि देश के लिए गोल्ड मेडल जीतूं।” शांभवी की यह मेहनत आज रंग लाई है, लेकिन इसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत और परिवार का समर्थन है।

माता-पिता बने सबसे बड़े प्रेरणा स्रोत

शांभवी रौथाण के माता-पिता पेशे से शिक्षक हैं और हमेशा से उन्होंने अपनी बेटी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। उनके पिता शैलेन्द्र रौथाण और माता ने बेटी के हर संघर्ष में उसका साथ दिया और उसे प्रोत्साहित किया। माता-पिता के इस समर्थन का ही परिणाम है कि शांभवी ने आज इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की है। शांभवी का कहना है कि उनके माता-पिता का शिक्षण कार्य उन्हें प्रेरित करता है, और उनकी मेहनत के बल पर ही वह यह मुकाम हासिल कर पाई हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड जीतना शांभवी का अगला लक्ष्य

अब शांभवी का सपना है कि वह भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी गोल्ड मेडल हासिल करें। इसके लिए वह लगातार कड़ा अभ्यास कर रही हैं। शांभवी के कोच का कहना है कि “शांभवी की मेहनत और लगन देखते हुए हमें पूरा विश्वास है कि वह भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करेगी।”

पौड़ी गढ़वाल में खुशी का माहौल

शांभवी की इस उपलब्धि से पूरे पौड़ी गढ़वाल में उत्सव का माहौल है। लोग उनकी इस जीत पर गर्व महसूस कर रहे हैं और अपनी बेटियों को भी शांभवी से प्रेरणा लेने की सलाह दे रहे हैं। इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि उत्तराखंड की बेटियां भी किसी से कम नहीं हैं और अपनी मेहनत और लगन से हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा सकती हैं।

शांभवी रौथाण की इस सफलता से राज्य सरकार और खेल संघों ने भी प्रसन्नता व्यक्त की है। सभी को उम्मीद है कि शांभवी आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश का गौरव बढ़ाएंगी।

Mansi Negi

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