SIM Card New Rule: आपका भी SIM CARD न हो जाए बंद? 1 जुलाई से बदल रहे ये नियम
TRAI ने साइबर फ्रॉड रोकने के लिए सिम पोर्टिंग के नियमों में बदलाव किया है। इस बदलाव की जानकारी मार्च में दी गई थी और ये नियम 1 जुलाई से लागू होंगे। नए नियम के अनुसार, सिम स्वैप या रिप्लेसमेंट के बाद 7 दिनों का लॉकिंग पीरियड रहेगा।
SIM Card New Rule: आज कल सभी के पास स्मार्टफोन ज़रूर होता है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक स्मार्ट फोन का use काफी करते है। स्मार्ट को चलाने के लिए सबसे ज़रूरी चीज़ जो होती है वो है SIM Card। बिना SIM Card स्मार्टफोन सिर्फ एक डब्बा होता है। Net use करने से लेकर कॉल करने तक के लिए SIM कार्ड जरूरी होता है। फोन के software तो फिर भी update हो जाते है। पर SiM Card कभी नहीं होता। लेकिन TRAI यानी की टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑफ इंडिया (Telecom Regulatory OF India) इसमें कई बदलाव करते रहता है। अब इसको लेकर एक नया बदलाव सामने आया है। टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑफ इंडिया (TRAI) ने यह फैसला इसलिए किया है ताकि साइबर ठगी को काम किया जा सके या रोका जा सके। इस article में हम New SIM Card Rule के बारे में बात करेंगे।
TRAI ने साइबर फ्रॉड रोकने के लिए सिम पोर्टिंग के नियमों में बदलाव किया है। इस बदलाव की जानकारी मार्च में दी गई थी और ये नियम 1 जुलाई से लागू होंगे। नए नियम के अनुसार, सिम स्वैप या रिप्लेसमेंट के बाद 7 दिनों का लॉकिंग पीरियड रहेगा। इस दौरान यूजर्स अपने मोबाइल नंबर को पोर्ट नहीं कर सकेंगे।मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) के तहत, यूजर्स एक टेलीकॉम नेटवर्क की सेवाओं को छोड़कर दूसरे टेलीकॉम नेटवर्क की सेवाओं में शामिल हो सकते हैं, लेकिन उनका मोबाइल नंबर वही रहता है। इसका मतलब है कि वे अपने वर्तमान नंबर को बदले बिना, किसी दूसरे टेलीकॉम सेवा प्रदाता की सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं। इसे MNP (मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी) के नाम से जाना जाता है।
क्या होती है SIM swap?
SIM स्वैप एक प्रक्रिया है जिसमें किसी व्यक्ति का सिम कार्ड बदलकर नया सिम कार्ड जारी किया जाता है। यह तब किया जाता है जब मौजूदा सिम कार्ड खो गया हो, क्षतिग्रस्त हो गया हो, या किसी अन्य कारण से काम नहीं कर रहा हो। SIM स्वैप के जरिए, पुराने सिम कार्ड की सभी सेवाओं और मोबाइल नंबर को नए सिम कार्ड पर ट्रांसफर कर दिया जाता है, ताकि यूजर अपने पुराने नंबर और सेवाओं का उपयोग नए सिम कार्ड के साथ कर सके।आमतौर पर सिम गुम, चोरी हो जाने या टूट जाने पर लोग टेलीकॉम कंपनी के कस्टमर केयर या ऑफिशियल स्टोर पर जाकर नई सिम लेते हैं। इसे ही सिम स्वैपिंग या रिप्लेसमेंट कहते हैं।
साइबर ठग लूट रहे
कई साइबर ठग इस सेवा का गलत इस्तेमाल करते हैं। वे गलत आईडी और अन्य तरीकों का उपयोग करके सिम स्वैप करा लेते हैं और फिर पीड़ित के अकाउंट से उनकी जिंदगी भर की कमाई उड़ा लेते हैं। इस साल सिम स्वैपिंग के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें पीड़ितों के अकाउंट से चोरी-छिपे लाखों रुपये निकाल लिए गए हैं।TRAI ने इस नियम की जानकारी 15 मार्च 2024 को X प्लेटफॉर्म (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए दी थी।
क्या तारीख बढ़ेगी?
TRAI ने इस नियम को 1 जुलाई 2024 से लागू करने की घोषणा की थी। तारीख बढ़ाने की कोई जानकारी अब तक सामने नहीं आई है।