नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल की सीमा या दीवार से 500 मीटर के भीतर व्यवसायिक गतिविधियों पर रोक लगा दी है। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस संजय किशन कौल और एएस ओका की दो सदस्यीय पीठ ने आगरा विकास प्राधिकरण को दिया।
इससे ताजमहल की परिधि में व्यवसाय करने वाले सैंकड़ों दुकानदारों में खलबली मचा गयी। उन्होने इस आदेश के खिलाफ बड़ी बेंच में जाने की बात कही है।
बता दें कि इस परिधि के अंदर तमाम दुकानें, होटल व शोरुम बने हुए हैं। हालांकि ताजमहल के संरक्षण अधिनियम के तहत ये नो- कंस्ट्रक्शन जोन है। इसके 500 मीटर के दायरे में लकड़ी जलाने और नगर पालिका ठोस कचरा और कृषि अपशिष्ट पर भी प्रतिबंध है।
ताजमहल के पश्चिमी गेट के कुछ दुकानदारों ने पार्किंग से बाहर होने पर कोर्ट में याचिका दायर की थी। इन व्यवसायियों की याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने आगरा विकास प्राधिकरण को आदेशित किया है कि ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में कोई व्यवसाय नहीं होगा। जो भी लोग भी व्यवसायिक कार्य में जुटे हैं, उन्हें तत्काल हटाया जाए।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ताज के पश्चिमी गेट, पूर्वी गेट के अलावा दक्षिणी गेट के व्यवसाइयों में खलबली मची है। उन्हें अपना कारोबार चौपट होता नजर आ रहा है। आक्रोशित पूर्वी गेट दुकानदारों ने कहा है कि वे इस फैसले के खिलाफ बड़ी पीठ में अपील करेंगे।