Rambhadracharya on Reservation: आरक्षण पर स्वामी रामभद्राचार्य ने दिया का आया बयान
राजस्थान के जयपुर में श्री बालाजी गौशाला संस्थान और विद्याधर नगर स्टेडियम आयोजन समिति द्वारा विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित श्री राम कथा के सातवें दिन बुधवार को कथावाचक रामभद्राचार्य महाराज ने राम-भरत मिलन का प्रसंग सुनाया।
Rambhadracharya on Reservation: राजस्थान के जयपुर में विद्याधर नगर स्टेडियम में श्री बालाजी गौशाला संस्थान एवं विद्याधर नगर स्टेडियम आयोजन समिति द्वारा आयोजित श्री राम कथा के सातवें दिन बुधवार को कथावाचक रामभद्राचार्य महाराज ने राम-भारत मिलाप का प्रसंग सुनाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज हमारे राजनेता समाज को छोटी जातियों में बांट रहे हैं। मैंने कहा है कि अगर सरकारों में हिम्मत है तो जाति के आधार पर आरक्षण बंद कर देना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, “यदि आर्थिक आधार पर आरक्षण होगा तो जाति व्यवस्था स्वतः ही समाप्त हो जाएगी। कोई एससी, एसटी और ओबीसी नहीं है, सभी हिंदू एक हैं, सभी भारतीय एक हैं। आर्थिक आधार पर आरक्षण दो। आप देखेंगे कि कुछ दिनों बाद ऐसा होगा। फिर ये जाति आधारित गृहयुद्ध अपने आप खत्म हो जाएगा।”
प्रतिभाओं में कोई आरक्षण नहीं होना चाहिए- रामभद्राचार्य
रामभद्राचार्य महाराज ने आगे कहा, ‘अरे, हमने ऊंची जाति में जन्म लेकर कोई पाप किया है क्या? लेकिन, ऊंची जाति का बच्चा 100 प्रतिशत अंक पाकर जूते सिल सकता है। जबकि एससी का बच्चा 4 प्रतिशत अंक पाकर कलेक्टर बन सकता है। ऐसे कैसे चलेगा ये देश? प्रतिभाओं में आरक्षण नहीं होना चाहिए। अभी नहीं तो कुछ दिनों में हो जाएगा। तब ये जाति आधारित गृहयुद्ध अपने आप खत्म हो जाएगा।”
उन्होंने कहा, “हमारे हिंदुओं में कोई भी अछूत नहीं है। चारों जातियां भगवान की रचना हैं। ब्राह्मण भगवान का चेहरा है। क्षत्रिय भगवान की भुजा है। वैश्य भगवान की पीठ है। शूद्र भगवान के पैर हैं। तो आप ही बताइए शूद्र अशुद्ध कैसे हो गए? जब हम किसी को प्रणाम करते हैं तो चरणों पर माथा रखते हैं। हमारी सरकारें कहती हैं पूज्य चरण, कोई नहीं कहता पूज्य मुख।”
रामभद्राचार्य ने कहा, “मैं कर्मकांडियों से पूछता हूं कि जब भगवान के चरणों से निकलकर गंगा सबसे पवित्र नदी बन गई, तो ऐसे भगवान के चरणों से निकलकर एक शूद्र कैसे अछूत हो गया। वेद न पढ़ने के कारण ये सारी बातें गलत कही गईं। हमारे महान रामानंदाचार्य ने एक साथ 25 लाख हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराया था। मैं वर्तमान चौथा रामानंदाचार्य हूं। मैं आचार्य चरण को वचन देता हूं, हम ऐसा प्रयास करेंगे कि भारत में 80 प्रतिशत लोग हिंदू बन जाएंगे, फिर सब ठीक हो जाएगा।”