Assam Political News Today: असम विधानसभा ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से एक बड़ा फैसला लिया। विधानसभा ने अब नियम 11 में संशोधन कर शुक्रवार को नमाज के लिए ब्रेक खत्म कर दिया है। अब से विधानसभा में नमाज के लिए कोई ब्रेक नहीं होगा। अगले सत्र से इस नियम का पालन किया जाएगा। पांच दिवसीय विधानसभा का आज आखिरी दिन था।
दरअसल, असम विधानसभा में हर शुक्रवार को सुबह 11.30 बजे से नमाज के लिए कार्यवाही रोक दी जाती थी। यह नियम मुस्लिम लीग के नेता मोहम्मद सादुल्लाह के समय से ही लागू था। इस पर पहले भी आपत्ति जताई गई थी, लेकिन इसे खत्म नहीं किया गया। आज आखिरी बार असम विधानसभा की कार्यवाही इसी नियम के तहत नमाज के लिए स्थगित की गई। आज विधानसभा में नियम 11 में सर्वसम्मति से संशोधन किया गया। हर शुक्रवार को नमाज के लिए कार्यवाही रोकने का प्रावधान खत्म कर दिया गया। विधानसभा की अगली बैठक से इस नियम का पालन किया जाएगा। आज पांच दिवसीय विधानसभा का आखिरी दिन था।
सत्ता पक्ष के विधायकों ने कहा कि, देश की किसी भी विधानसभा में ऐसी कोई प्रक्रिया नहीं है। सवाल उठता है कि यहां ऐसी परंपरा क्यों शुरू की गई। कुछ विधायकों ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति से जोड़ते हुए कहा कि यह सिर्फ वोट बैंक की घिनौनी राजनीति है। उन्होंने कहा कि, नमाज पढ़ने पर किसी को कोई रोक नहीं है। जो नमाज पढ़ना चाहता है, वह पढ़ सकता है, जो नमाज नहीं पढ़ना चाहता, वह सदन की कार्यवाही में भाग ले सकता है। सिर्फ चंद लोगों के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करना जनता के पैसे की बर्बादी है।
मोहम्मद सादुल्ला कौन थे?
मोहम्मद सादुल्ला असम में मुस्लिम लीग के एक वकील और नेता थे। उन्हें ब्रिटिश सरकार ने नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित किया था। 1936 में उन्होंने गैर-कांग्रेसी दलों के साथ गठबंधन बनाया और ब्रिटिश भारत में असम के पहले मुख्यमंत्री बने। मोहम्मद सादुल्ला संविधान सभा के सदस्य भी थे। नमाज के लिए 2 घंटे की छुट्टी की प्रथा 1937 में यानी 87 साल पहले शुरू हुई थी।