बरेली: इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई कथित विवादित टिप्पणी के विरोध में प्रदर्शन कर उनकी गिरफ्तारी की मांग की। तौकीर रजा ने प्रदर्शन की आड़ में नियम विरुद्ध भारी भीड़ जुटाकर शक्ति प्रदर्शन किया।
मौलाना के आह्वान पर उम्मीद से अधिक भारी भीड़ जुटी, तो वह अति विश्वास में आ गये और दुस्साहस दिखाते हुए तमाम भड़काऊ बातें कहीं। उन्होने भीड़ की ओर इशारा करते हुए कहा सरकार को आगाह किया कि देख लें, हमारे (मुसलमानों) लिए हर दिन शुक्रवार है। मंच से मौलाना तौकीर रजा खां ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीऔर गृहमंत्री अमित शाह को शांति का संदेश समझाने के लिए इस्लाम अपनाकर कलमा पढ़ने तक की सलाह दे डाली।
मौलाना तौकीर रजा खां ने सरकार को ललकारते हुए कहा कि जो माहौल आज बरेली में दिखाया है यह शुक्रवार 10 जून को और शुक्रवार 17 जून को भी दिखा सकता था। मैं जुमे से डरा नहीं था, बल्कि आपको ये बताना जरूरी था कि हम हर दिन के लिए तैयार हैं। अगर हमारी बात नहीं सुनी गई, तो भारत के हर सूबे में यह माहौल बनाकर दिखाया जायेगा।
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तौकीर ने आगे कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को दावत देता हूं कि वे इस्लाम पहना लें। इस धर्म में कोई ऊंच नीच नहीं है, क्योंकि हमारे यहां सफाई वाला भी मस्जिद में नमाज पढ़ने आता है तो वह सबके साथ खड़ा होता है। उन्होने कहा कि यदि कोई मोक्ष चाहता है तो इसका रास्ता इस्लाम में ही मिल सकता है। इसका उदाहरण पेश करते हुए रजा ने कहा कि हजरत उमर जब कुफ्र की हालत में थे, तब पैगंबर को कत्ल करने की सोचते थे। मगर बाद में वह ईमान ले आए और खलीफा बने। इसलिए नरेंद्र मोदी को भी चाहिए कि वह कलमा पढ़कर इस्लाम कबूल करें।
केन्द्र सरकार की सेना में भर्ती के लिए लांच की गयी नई अग्निपथ योजना का मजाक उड़ाते हुए मुस्लिम धर्मगुरु ने कहा कि जब योजना का नाम ही अग्निपथ है, तो आग लगनी तय है। उन्होने इस मसले पर युवाओं को समर्थन देने की भी बात कहकर उन्हें अप्रत्यक्ष रुप से उपद्रव करने के लिए ही उकसाने का काम किया।
बता दें कि बरेली जिला प्रशासन ने तौकीर रजा खां को मात्र 15 सौ लोगों के प्रदर्शन में शामिल होने की अनुमति दी थी, लेकिन प्रदर्शन में कई हजार लोग जुटाकर प्रशासन के निर्देशों की सरेआम धज्जियां उड़ायी। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में संज्ञान लिया जा रहा है और उचित कानूनी कार्रवाई करने पर विचार हो रहा है।