Pamban Railway Bridge: देश का पहला वर्टिकल पंबन रेल ब्रिज किस तकनीक पर बना है? पीएम मोदी करेंगे रामेश्वरम में इसका उद्घाटन
तमिलनाडु के रामेश्वरम में देश का पहला वर्टिकल पंबन सी ब्रिज बनकर तैयार हो गया है। पीएम मोदी रामनवमी पर इसका उद्घाटन करेंगे। इससे न केवल तमिलनाडु की मुख्य भूमि से रामेश्वरम तक रेल संपर्क बेहतर होगा, बल्कि यह देश का पहला ऑपरेशनल वर्टिकल सी ब्रिज भी बन जाएगा। आइए जानते हैं कि दो किलोमीटर से ज़्यादा लंबा यह वर्टिकल सी ब्रिज किस तकनीक पर बना है, कैसे काम करेगा और इसके क्या फ़ायदे होंगे?
Pamban Railway Bridge: 6 अप्रैल को रामनवमी के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु में पंबन रेल ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। इससे न सिर्फ़ तमिलनाडु की मुख्य भूमि से रामेश्वरम तक रेल संपर्क बेहतर होगा, बल्कि यह देश का पहला चालू वर्टिकल सी ब्रिज भी बन जाएगा। आइए जानते हैं कि 2 किलोमीटर से ज़्यादा लंबा यह वर्टिकल सी ब्रिज किस तकनीक पर बना है और इसके क्या फ़ायदे होंगे?
पंबन वर्टिकल सी ब्रिज में 100 स्पैन और एक नेविगेशनल स्पैन है। प्रत्येक स्पैन लगभग 18.3 मीटर का है और नेविगेशनल स्पैन 63 मीटर का है। यह सी ब्रिज यहां के पुराने ब्रिज से 3.0 मीटर ऊंचा है। इस वजह से समुद्र तल से इसकी नेविगेशनल एयर क्लीयरेंस 22.0 मीटर है। जहाजों की आवाजाही के लिए इस ब्रिज को इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कंट्रोल सिस्टम से लैस किया गया है और इसे ट्रेन कंट्रोल सिस्टम से इंटरलॉक किया गया है। इसमें काउंटरवेट मैकेनिज्म के इस्तेमाल से ब्रिज को चलाने में बिजली की खपत कम होगी।
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वर्टिकल लिफ्ट तकनीक का इस्तेमाल
वर्टिकल सी ब्रिज को इंजीनियरिंग का चमत्कार माना जाता है। पंबन में 6790 फीट यानी 2.8 किलोमीटर लंबा वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज 535 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इसमें वर्टिकल लिफ्ट तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। वर्टिकल लिफ्ट सिस्टम की वजह से इस ब्रिज के एक हिस्से को ऊपर उठाकर इसके नीचे से बड़े जहाज निकाले जा सकते हैं। इसे और अच्छे से समझने के लिए लंदन ब्रिज को याद किया जा सकता है, जो जहाजों के गुजरने पर दोनों तरफ से ऊपर उठ जाता है। हालांकि, यह एक रोड सी ब्रिज है।
रेल मंत्रालय ने किया वीडियो शेयर
Pamban Bridge: featuring the historic structure alongside its modern iteration, illustrating the remarkable evolution from then to now.#IndianRailways #NewPambanBridge pic.twitter.com/QHKDJe2eMo
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) February 10, 2025
मंडपम से रामेश्वरम पहुंचना होगा आसान
तमिलनाडु के मंडपम से समुद्र के बीच में स्थित रामेश्वरम तक पंबन सी ब्रिज बनाया गया है। मंडपम भारतीय प्रायद्वीप में भूमि सीमा का आखिरी रेलवे स्टेशन है। जबकि, रामेश्वरम मन्नार की खाड़ी में है। पंबन सी ब्रिज के खुलने के बाद वहां ट्रेनें ज्यादा स्पीड से चल सकेंगी। साथ ही इससे मालगाड़ियों की क्षमता भी बढ़ेगी। सबसे खास बात यह है कि नए ब्रिज के खुलने के बाद एक बार में बड़ी संख्या में श्रद्धालु रामेश्वरम पहुंच सकेंगे।
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पुराने ब्रिज से ज्यादा लोड क्षमता
पंबन सी ब्रिज यहां बने पुराने पुल की जगह लेगा और यह पुराने पुल से ज्यादा वजन सहने में सक्षम है। पुराने कैंटिलीवर ब्रिज का निर्माण 1870 में शुरू हुआ था। पुराना पुल वर्ष 1914 में बनकर तैयार हुआ था, जो उस समय मुख्य भूमि और रामेश्वरम के बीच संचार का एकमात्र साधन था। पंबन सी ब्रिज की आधारशिला नवंबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी और अब यह बनकर तैयार है।
कम समय में पहुंचा जा सकेगा
रेल विकास निगम लिमिटेड की पंबन वर्टिकल सी ब्रिज परियोजना का ट्रायल पिछले साल नवंबर (2024) में पूरा हो गया था। इस पर 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चल सकेंगी। दावा किया गया है कि इस पुल के जरिए मंडपम से रामेश्वरम पहुंचने में सिर्फ पांच मिनट लगेंगे। पहले पुराने पुल से वहां पहुंचने में 25 मिनट लगते थे।
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वर्तमान में चीन में बना डैनयांग-कुनशान ग्रैंड ब्रिज दुनिया का सबसे लंबा समुद्री पुल है। यह शंघाई और नानजिंग के बीच रेलवे लाइन पर बना है।
ट्रायल रहा सफल
New Pamban Bridge: getting closer to commissioning!
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) November 8, 2024
A successful OMS-engine run showcased the precision and strength of the Bridge, reaching speeds of 121 kmph on the Mandapam-Rameswaram section in Tamil Nadu and 80 kmph on the bridge itself. pic.twitter.com/lDHpi8Rpmc
वर्ष 2022 में बंद कर दिया गया पुराना पुल
पुराने पंबन पुल ने 110 वर्षों तक मुख्य भूमि और रामेश्वरम के बीच संपर्क का काम किया। यह तीर्थयात्रियों, स्थानीय लोगों और व्यापारियों के लिए किसी जीवन रेखा से कम नहीं था। हालांकि, समुद्र के खारे पानी और पुरानी संरचना के कारण यह जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच गया था। इसलिए इसे वर्ष 2022 में बंद कर दिया गया। रामेश्वरम हिंदू श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां हर साल करीब 25 लाख श्रद्धालु रामनाथस्वामी मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं। नया पुल यात्रा को सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ाएगा। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा। ऐसा माना जाता है कि श्रीराम ने वहां तक पहुंचने के लिए रामेश्वरम से लंका तक एक पुल का निर्माण किया था। इसीलिए नए पुल का उद्घाटन श्रीराम नवमी पर ही करने की तैयारी की जा रही है।
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