Sliderउत्तर प्रदेशकरियरट्रेंडिंगन्यूज़बड़ी खबरराज्य-शहर

Protest against Digital Attendance: हाईकोर्ट पहुंचा शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी का मामला

The matter of digital attendance of teachers reached the High Court

Protest against Digital Attendance: उत्तर प्रदेश भर में परिषदीय शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी को लेकर चल रहे विरोध के बीच हाईकोर्ट के पूर्व अधिवक्ता और 72825 भर्ती में चयनित शिक्षक अनुराग सिंह ने इस मुद्दे पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उनकी दलील है कि शिक्षकों की नियुक्ति जिला या ब्लॉक मुख्यालयों के साथ ही दूरदराज और दुर्गम इलाकों में भी होती है जहां शिक्षक 40 से 100 किलोमीटर दूर से काम करने आते हैं। ऐसे में उनकी समस्याओं का समाधान किए बिना वेतन काटने की धमकी देकर काम नहीं चलाया जा सकता। याचिका में कहा गया है कि जाम, दुर्घटना, वाहन पंचर, टूटी सड़क, बाढ़ में सड़क बह जाना, दलदल की समस्या, शिक्षक के खुद या परिवार में किसी के अचानक बीमार पड़ जाने पर, वेतन बंद होने के डर से शिक्षक अस्पताल पहुंच जाते हैं।

अनुराग सिंह का कहना है कि शिक्षकों की सैकड़ों समस्याओं का समाधान करने के बजाय उन पर जबरन ऑनलाइन हाजिरी थोपी जा रही है। प्रदेश सरकार से मांग की गई है कि शिक्षक संगठनों से वार्ता कर व्यावहारिक समस्याओं का समाधान करने के बाद ही ऑनलाइन हाजिरी लागू करने पर विचार करें।

सभी जिलों में शिक्षकों का प्रदर्शन

ऑनलाइन अटेंडेंस के खिलाफ शिक्षकों का आंदोलन दिन प्रतिदिन जोर पकड़ता जा रहा है। सोमवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शिक्षा कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले शिक्षकों, शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने पैदल मार्च कर जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया। इस बीच राष्ट्रीय शिक्षक महासंघ की उत्तर प्रदेश इकाई के पदाधिकारियों ने शिक्षकों की समस्याओं को लेकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा से मुलाकात की और शिक्षकों की जायज मांगों को तत्काल पूरा करने की मांग दोहराई।

लगातार चौथे दिन भी शिक्षकों ने संकुल प्रभारी समेत अन्य अतिरिक्त दायित्वों से इस्तीफा देने का सिलसिला जारी रखा। राजधानी लखनऊ में 14 संगठनों के संयुक्त मंच ‘शिक्षक, शिक्षामित्र अनुदेशक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा’ ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर नारेबाजी की और संगठन की मांगों को तत्काल पूरा करने की मांग की। नारेबाजी करते हुए शिक्षकों ने ऑनलाइन हाजिरी के आदेश को निरस्त करने की मांग की।

संयुक्त मोर्चा ने मुख्यमंत्री को संबोधित सात सूत्रीय ज्ञापन प्रशासन को सौंपा। इसके बाद पदयात्रा निकालकर अपनी आवाज बुलंद की। मोर्चा के प्रांतीय संयोजक योगेश त्यागी, सुनील पांडेय, अनिल यादव, विजय बंधु, संतोष तिवारी, दिलीप चौहान, सुलोचना मौर्य ने संयुक्त रूप से कहा कि शिक्षक ऑनलाइन विरोध नहीं कर रहे हैं। मीडिया में हमारी छवि कतई खराब नहीं होनी चाहिए।

एटीईवी एवं मोर्चा के प्रदेश संयोजक विजय कुमार बंधु ने कहा कि सरकार जमीनी हकीकत को समझे बिना शिक्षकों पर रोज नए आदेश थोप देती है। इसका विरोध अब जरूरी हो गया है। मोर्चा के जिला संयोजक विनीत कुमार सिंह ने कहा कि जब तक सरकार शिक्षकों की व्यावहारिक परेशानियों को दूर नहीं करती है तब तक ऑनलाइन अटेंडेंस का बहिष्कार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार आधे दिन की सीएल और ईएल जैसी मांगों और किसी आपात स्थिति में स्कूल छोड़ना पड़े तो उसके लिए कोई व्यवस्था नहीं करती है तब तक ऑनलाइन अटेंडेंस व्यावहारिक नहीं है।

मांगें पूरी होने पर ही कोई बातचीत होगी

शिक्षक नेताओं ने कहा कि सबसे पहले हमारी मांगें पूरी की जाएं। प्रमोशन जी का जंजाल बन गया है। समायोजन, अंतर जिला/अंतर जिला स्थानांतरण हर साल साये की तरह आते-जाते रहते हैं। हमारे विद्यालयों को कॉन्वेंट समझकर कानून लागू किए जा रहे हैं।

सभी जिलों में प्रदर्शन का दावा देर शाम संयुक्त मोर्चा के लगभग सभी पदाधिकारियों ने बयान जारी कर दावा किया कि डिजिटल उपस्थिति के विरोध में जौनपुर, बरेली, औरैया, झांसी, फिरोजाबाद, गोंडा, बलरामपुर, बाराबंकी, रामपुर, कन्नौज, चित्रकूट, कुशीनगर, पीलीभीत, फर्रुखाबाद, ललितपुर, हाथरस, प्रतापगढ़, इटावा समेत अन्य जिलों में भी प्रदर्शन हुए

संयुक्त मोर्चा के संयोजक मंडल के सदस्यों ने ऐलान किया है कि यदि विभाग ने ऑनलाइन उपस्थिति के आदेश वापस नहीं लिए तो 29 जुलाई को प्रदेश भर के शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशक लखनऊ पहुंचकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय पर धरना देंगे।

Chanchal Gole

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button