पूरा देश हुआ राममय लेकिन राहुल गाँधी की है ये शिकायत —
Political News on ram Mandir Pran Pratistha Ayodhya: घट -घट के राम ,सबके राम और सबमे राम। अयोध्या में प्रभु राम ने जन्म लिया था लेकिन वे तो हर जगह विराजमान है। वे सबके हैं। जो पूजता है उनके भी और नहीं पूजता उनके भी। जीवन है तो राम है। जो जीव है वह राम ही तो है जो निर्जीव है उसमे भी तो राम है। इसलिए राम तो हर जगह है। आज अयोध्या में राम मंदिर का उद्घटान हो रहा है। देश और दुनिया के बड़े लोग अयोध्या में पहुंचे हुए हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं। आज के बाद ही आगामी चुनाव की राजनीति भी शुरू हो जाएगी। बीजेपी के लिए राम मंदिर एक बड़ा मुदा रहा है। यह मुदा भी आज खरं हो रहा है। पहली धारा 370 को हटाने की शुरुआत की गई। उसमे मोदी सरकार सफल रहे। इसके बाद मंदिर की बारी आई। सैकड़ों साल की लड़ाई को शीर्ष अदालत ने सुलझाया। हिन्दू और मुसलमानो को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर यकीन हुआ। अदालत के फैसले से मंदिर बनाने की तैयारी हुई। इस मंदिर निर्माण और मंदिर बनाने की बात में किसी भी पार्टी या राजनीतिक दल का कोई हाथ नहीं है। लेकिन चुकी यह मुद्दा चुकी संघ और बीजेपी शुरू से ही उठाता रहा है इसलिए आज राम मंदिर के मुद्दे को बीजेपी खूब भुना रही है। भले ही इसके पीछे बीजेपी की बड़ी राजनीति चल रही है लेकिन देश के सनातनियों के लिए तो यही बड़ी बात है कि मंदिर का निर्माण हो गया और प्रभु राम आज मंदिर में विराजमान हो गए। आगे जो भी होगा उसे देखने की बात है।
पूरा अयोध्या राममय है। अयोध्या में मंगल गायन चल रहा है। चारो तरफ दुदुम्भी बज रही है। शंख की ध्वनि आ रही है। घड़ी घंटाल बज रहे हैं। देश और दुनिया के सनातनी दिवाली मना रहे हैं। जाहिर है यह सब बीजेपी की राजनीति को आगे बढ़ा रही है। बीजेपी को लग रहा है कि इस मंदिर का लाभ उसे चुनाव में मिलेगा। मंदिर का लाभ तो वैसे भी बीजेपी को मिलता रहा है लेकिन इस बार के चुनाव में अगर मंदिर का साथ मिल गया तो मोदी की सरकार तीसरी बार भी बन सकती है। संघ भी तो यही चाहता है। संघ का सवा सौ बरस अगले साल ही तो पूरा होना है। इस शतक वर्ष के आयोजन को पूरा करने के लिए बीजेपी की सरकार जरुरी है और यही वजह है कि बीजेपी के साथ ही संघ भी बीजेपी को आगे बढ़ाने के लिए मंदिर की बात को जनता तक फैलाने में जुटा हुआ है।
लेकिन राम मंदिर के इस भव्य आयोजन के बीच ही असम से राहुल गाँधी की आवाज आई है। राहुल गाँधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा पर है। इस यात्रा का नाम न्याय यात्रा है। मणिपुर से यत्रा निकली हुई है और अभी असम से गुजर रही है। असम में बीजेपी की सरकार हैं और वाहन बीजेपी और कांग्रेस के बीच तकरार भी जारी है। लेकिन बड़ी बात तो यही है राहुल गाँधी ने मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बीच ही कुछ बड़ी बात कही है।
राहुल गांधी ने कहा है कि, ‘मुझे मंदिर जाने से रोका जा रहा है, मैं सिर्फ मंदिर में हाथ जोड़ना चाहता था’। राहुल गांधी ने कहा कि वे सिर्फ मंदिर में जाकर हाथ जोड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें मंदिर के अंदर जाने से रोका जा रहा है। बता दें कि राहुल गाँधी असम के वैष्णव विद्वान श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान पर पूजा अर्चना के लिए आज जाने वाले थे। लेकिन वे जैसे ही मंदिर के पास पहुंचे उन्हें जाने से रोक दिया गया। राहुल के साथ घटी इस घटना के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि जो भी हो रहा है राज्य सरकार के दबाव में हो रहा है। कांग्रेस के दो विधायकों ने मंदिर के प्रबंधन से समय लिया था। मंदिर प्रबंधक को भी कोई दिक्कत नहीं थी लेकिन अब राज्य सरकार के दबाव के बाद यह सब किया गया है।
बता दें कि असम का बोरडोवा धाम एक पवित्र स्थल है। यह असम के नौगाव जिले में है इस पवित्र स्थल को श्रीमंत शंकरदेव स्थान कहा जाता है।
राहुल गाँधी को मंदिर में नहीं जाने देना असम की राजनीति के साथ ही देश की राजनीति के लिए एक बड़ा मुदा बन सकता है। हालांकि राहुल और कांग्रेस की इस आवाज को अभी दबा दिया गया है। देश के भीतर अभी अयोध्या के मंदिर के उद्घटान के बाद देश की राजनीति जिस तरह से एक दूसरे पर हमलावर होगी उसकी शायद ही कल्पना की जा सकती है। तो धर्म के आसरे राजनीति को देखते रहिये। लेकिन इस बात का गौर जरूर कीजिये कि देश का संविधान और लोकतंत्र बचा रहे।