नई दिल्ली: समस्त देवी- देवताओं में भगवान चंद्रमा को एक विशेष स्थान प्राप्त है सनातन धर्म में चंद्र देव की पूजा का भी उतना ही महत्व है जितना अन्य देवी देवताओं की आराधना का है.आज चंद्र दर्शन के शुभ दिन पर हम चंद्र देवता से जुड़ी कुछ विशेष बातों के बारे में जानेंगे.
सनातन धर्म में ऐसे कई पर्व है जब भगवान चंद्र देव की पूजा का विधान होता है और उन्हीं में से चंद्र दर्शन एक है।
अमावस्या के ठीक एक दिन बाद चंद्रमा को देखने की परम्परा को चंद्र दर्शन कहा जाता है। इस दिन का हिन्दू धर्म में अत्याधिक महत्व माना गया है आज के दिन भक्तगण विधि विधान से चंद्रदेव की पूजा करते है तथा अपने अपने सभी रोग दोष से मुक्ति प्राप्त करते है।चंद्र देवता को एक अनुकूल ग्रह भी माना जाता है और यह व्यक्ति को ज्ञान, पवित्रता और अच्छे इरादों से जोड़े रखता है इसलिए आज के दिन इनकी पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है।
चंद्र देवता की पूजा विधि
सनातन धर्म मे आज के दिन चंद्र देवता की पूजा अनिवार्य मानी गई क्योकि आज दिन चंद्र देवता की पूजा से देह में सकारात्मक ऊर्जा का संचालन होता है व राशि से चंद्र दोष भी समाप्त हो जाते हैं तो आइए आपको बताते है आज के दिन चंद्र देवता की पूजा किस प्रकार करें।
आज के दिन भक्तगणों को श्रद्धापूर्वक चंद्र देवता की पूजा आराधना करनी चाहिए।
भगवान चंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए भक्तगण आज के दिन कठिन उपवास रखते हैं।
सूर्यास्त के बाद भगवान चंद्रमा को अर्घ्य दें।
अब नवग्रहों का स्मरण कर पूजा आरंभ करें।
अब चंद्र देव को फल, फूल अर्पित कर उनकी आराधना करें।
चंद्र देव के दर्शन के उपरांत व्रती अपने व्रत का पारण करें।
आज के दिन ब्राह्मणों को कपड़े, चावल और चीनी का दान करना शुभ माना गया है।
चंद्र दर्शन की महत्वता
सनातन धर्म में चंद्र देव को सभी देवी देवताओं में एक विशेष दर्जा प्राप्त है ऐसा इसलिए भी क्योंकि भगवान चंद्र देव को एक महत्वपूर्ण ग्रह भी माना गया है जो पृथ्वी पर जीवन को काफी हद तक प्रभावित करते हैं, हिन्दू मान्यताओं के अनुसार मनुष्य के जन्म कुंडली में यदि चंद्रमा अनुकूल स्थान पर होता है तो यह मूल निवासी को सुख समृद्धि शांति प्रदान करता है। आज के शुभ दिन पर यदि भक्तगण अपने पूर्वजों की पूजा करते है तो उन्हें शुभफलतथा पुण्य की प्राप्ति होती है। चंद्र दर्शन के दिन, भक्त अपने आध्यात्मिक विकास के लिए गंगा के तट पर स्नान कर माँ गंगा का स्मरण करते हैं। इससे भक्तों का आज दिन रखा गया उपवास सफल तथा मंगलमय माना जाता है।