गुटबाजी की शिकार झारखंड कांग्रेस ने बड़ा फैसला लेते हुए अपने तीन प्रवक्ताओं को 6 साल के लिए निलंबित कर दिया। निलंबन का यह फैसला रविवार देर शाम को पार्टी अनुशासन समिति की अनुशंसा पर लिया गया है। जिन तीन प्रवक्ताओं को निलंबित किया गया है उनमे आलोक दुबे ,राजेश गुप्ता छोटू और लाल किशोर नाथ शाहदेव शामिल हैं। इन तीनो पर पार्टी के खिलाफ काम करने के आरोप थे।
बता दें कि इन तीनो प्रवक्ताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर पिछले 21 दिसंबर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। 24 दिसंबर को इन नेताओं ने बोकारो में एक संवाददाता सम्मलेन के जरिये पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी की। इसकी जानकारी प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय को दी गई। प्रदेश प्रभारी से इनके निलंबन की मंजूरी मिलने के बाद इन तीनो प्रवक्ताओं को 6 साल के लिए निलंबित कर दिया गया।
दरअसल झारखंड कांग्रेस में लम्बे समय से गुटबाजी चल रही है। राजेश ठाकुर अभी प्रदेश अध्यक्ष हैं उनका अपना गुट है जबकि रामेश्वर उराव का अपना गुट है। इसके अलावे प्रदेश कांग्रेस में कई और गुट भी सक्रिय हैं। एक गुट दूसरे पर हमेशा हमला करता रहता है जिससे पार्टी की छवि ख़राब होती है। अभी झारखंड की हेमंत सरकार में कांग्रेस सहभागी है लेकिन प्रवक्ताओं की वजह से कई बार पार्टी को असहज होना पड़ा है। बीजेपी इसी का लाभ उठाती है।
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कांग्रेस की चिंता अगले लोकसभा चुनाव में अधिक सीटें जितने की है। प्रदेश में लोकसभा की 14
सीटें है जिनमे से अधिकतर पर बीजेपी का कब्जा है। इस बार कांग्रेस चाहती है कि जेएमएम के साथ मिलकर अधिक सीटों पर जीत हासिल की जाए लेकिन पार्टी के भीतर जो गुटबाजी है उससे पार्टी के प्रति लोगों में विश्वास की भावना कम होती जा रही है।
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झारखंड में कांग्रेस क्या कुछ बेहतर करेगी इसको लेकर दिल्ली से लेकर रांची तक मंथन जारी है। पार्टी कई कार्यक्रम को भी झारखंड में चला रही है। उधर बीजेपी भी काफी सतर्क है और आदिवासी इलाके में बहुत कुछ करती दिख रही है। बीजेपी आदिवासी के बीच अपनी मजबूत पहुँच तो बना ही रही है ,साथ ही झारखंड में रह रहे बाहरी लोगो को भी अपने पाले में करने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस इसी बीजेपी के प्रयास को ख़त्म करना चाहती है लेकिन प्रवक्ताओं की वजह से कई तरह की अड़चने आ रही थी।