Pranab Mukherjee Death Anniversary: भारत के 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की आज पुण्यतिथि है। उनका निधन 31 अगस्त, 2020 में 84 साल की उम्र हुआ था। कांग्रेस और देश के दिग्गज नेता प्रणब मुखर्जी 2012 से 2017 तक भारत के राष्ट्रपति रहे। इससे पहले वह छह दशक तक राजनीति में सक्रिय रहे और कांग्रेस के संकटमोचक माने जाते थे। उन्हें 2019 में सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।
वह 1969 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर राज्यसभा के लिए चुने गए और उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। प्रधानमंत्री पद के अलावा उन्होंने कई शीर्ष पदों पर काम किया। राजनीतिक विश्लेषक कहते रहे हैं कि वह मनमोहन सिंह की जगह बेहतर प्रधानमंत्री साबित होते।
वे इंदिरा गांधी के विश्वासपात्रों में से एक थे। विवादास्पद आपातकाल के दौरान उन पर ज्यादतियों के आरोप भी लगे थे। लेकिन बाद में वह पहली बार वित्त मंत्री बने। राजीव गांधी के कार्यकाल में उनकी किस्मत खराब हुई क्योंकि वह भी प्रधानमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन राजीव के समर्थकों के कारण असफल रहे।
बाद में उन्होंने अपनी अलग पार्टी बनाई- राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस- लेकिन राजीव से सुलह के बाद वे कांग्रेस में वापस आ गए। बाद में पीवी नरसिम्हा राव ने उन्हें योजना आयोग का प्रमुख बनाया। सोनिया गांधी को कांग्रेस प्रमुख बनाने में भी उनकी अहम भूमिका रही। वे देश के विदेश मंत्री भी रहे।
जब कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए का गठन हुआ तो वे पहली बार जंगीपुर से लोकसभा चुनाव जीते। तब से लेकर राष्ट्रपति बनने तक मुखर्जी मनमोहन के बाद सरकार के दूसरे सबसे बड़े नेता थे। वे रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, वित्त मंत्री और लोकसभा में पार्टी के नेता भी रहे।
जुलाई 2012 के चुनावों में उन्होंने पीए संगमा को आसानी से हराकर राष्ट्रपति पद की कुर्सी संभाली थी। उन्होंने इलेक्टोरल कॉलेज के 70 प्रतिशत वोट हासिल किए थे।
प्रणब मुखर्जी का जन्म बीरभूम जिले के मिराती गांव में 11 दिसम्बर 1935 को हुआ था। उनके पिता कामदा किंकर मुखर्जी थे और उनकी माता का नाम राजलक्ष्मी मुखर्जी था। बता दे कि, उनके पिता देश के स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय थे और 1952 से 1964 के बीच वे बंगाल विधान परिषद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधि थे।
उन्होंने बीरभूम के सूरी विद्यासागर कॉलेज में पढ़ाई की, जो उस समय कलकत्ता विश्वविद्यालय से संबद्ध था। उन्होंने राजनीति विज्ञान और इतिहास में स्नातकोत्तर उपाधि के साथ-साथ कानून की डिग्री भी हासिल की। उन्होंने 13 जुलाई 1957 को शुभ्रा मुखर्जी से विवाह किया।
प्रणब मुखर्जी ने कई किताबें लिखी हैं, जिनमें मिडटर्म पोल, बियॉन्ड सर्वाइवल, इमर्जिंग डाइमेंशन्स ऑफ इंडियन इकोनॉमी, ऑफ द ट्रैक – सागा ऑफ स्ट्रगल एंड सैक्रिफाइस और चैलेंज बिफोर द नेशन शामिल हैं।
चीनी नेता देंग शियाओपिंग से प्रभावित 77 वर्षीय मुखर्जी को पढ़ने, बागवानी और संगीत का शौक था। वे हर साल अपने पैतृक गांव मिरती में दुर्गा पूजा मनाते थे। वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले।
भारत सरकार ने उन्हें देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया। उन्हें बुल्वरहैम्पटन और असम विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है।