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Corona Virus Update: कोरोना की रफ्तार नहीं ले रही थमने के नाम, अब क्या कोविड-19 जैसा घातक साबित होगा Marburg?

नई दिल्ली: भारत में कोरोना के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 15528 नए मामले सामने आए हैं. जबकि 25 मरीजों की मौत हो गई. वहीं नए मामलों के साथ ही देश में एक्टिव मरीजों की संख्या 1 लाख 43 हजार 654 हो गई है. पिछले 24 घंटे में 16113 लोग कोरोना से ठीक हुए हैं. देश में अभी तक 4 करोड़ 31 लाख 13 हजार 623 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं.

देश में अभी तक कोरोना वायरस के चलते 5 लाख 25 हजार 785 लोगों की मौत हो चुकी है.  देश में अभी रिकवरी रेट 98.74 फीसदी है. वहीं डेली पॉजिटिविटी रेट 3.32 फीसदी है. जबकि साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 4.57 फीसदी है. देश में अभी तक 87.01 करोड़ लोगों की कोरोना टेस्टिंग हो चुकी है. वहीं पिछले 24 घंटे में 4,68,350 सैंपल की टेस्टिंग हुई.

पश्चिम बंगाल में सोमवर को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,449 नये मामले सामने आये, जिसके बाद संक्रमितों की संख्या बढ़ कर 20,72,307 हो गयी है. छह और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मरने वालों की संख्या 21,282 हो गयी है.

तमिल और हिंदी फिल्मों के दिग्गज डायरेक्टर मणि रत्नम कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं. COVID-19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें चेन्नई के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती किया गया है. अभी इस बारे में ज्यादा जानकारी शेयर नहीं की गई है. उनकी पत्नी सुहासिनी ने इस बारे में कुछ नहीं बताया है. अभी मणि रत्नम अपनी आने वाली फिल्म ‘पोन्नियन सेल्वन’ पर काम कर रहे हैं.

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हिमाचल में कोरोना ने रफ्तार पकड़ ली है. सोमवार को प्रदेश में 564 लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं. इससे प्रदेश में एक्टिव मरीजों का आंकड़ा 2645 पहुंच गया है. प्रदेश में 41 कोरोना मरीज अस्पतालों में भर्ती हो गए हैं.

वैश्विक स्तर पर जारी कोरोना संकट (Coronavirus) के बीच एक और वायरस ने चिंता बढ़ा दी है. अफ्रीकन देश घाना में इबोला (Ebola) और कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) ने दस्तक दी है. मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) के संक्रमण से घाना में अब तक 2 लोगों की मौत हो चुकी है. दक्षिणी घाना में जान गंवाने वाले दोनों रोगियों में दस्त, बुखार, मतली और उल्टी समेत कई लक्षण थे. इस रोग से पीड़ित मरीज को तेज बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द रहता है. मरीजों में पेट में दर्द और ऐंठन जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं.

साल 1967 से लेकर अब तक एक दर्जन से ज्यादा बार मारबर्ग का प्रकोप (Marburg Outbreaks) देखने को मिला है. हालांकि इसके ज्यादातर मामले दक्षिण और पूर्वी अफ्रीका में पाए गए हैं. WHO के अनुसार, वायरस के तनाव और केस प्रबंधन के आधार पर पिछली लहर के दौरान मृत्यु दर 24% से 88% तक रहा है. WHO के मुताबिक यह वायरस चमगादड़ों के माध्यम से लोगों में फैलता है. अगर असंक्रमित व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक संपर्क में आता है तो यह फैल सकता है.

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