लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में संचालित गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं का जानने के लिए सर्वे कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए शासन के उप सचिव शकील अहमद सिद्दीकी की ओर से आदेश जारी कर दिया गये हैं। प्रत्येक जनपद में 10 सितम्बर तक सर्वें टीम गठित कर दी जाएगी और जिलाधिकारियों को 25 अक्टूबर तक रिपोर्ट में संकलित डाटा शासन को उपलब्ध कराना होगा।
सरकार मदरसों की हालत बदलने के लिए सर्वे करा रही है। जिन बिन्दुओं पर सर्वे होगा, उनमें मुख्य बिन्दुओं में मदरसों का नाम, छात्रों की संख्या, शिक्षकों की संख्या, मदरसे का पाठ्यमक्रम, फर्नीचर, विद्युत, पानी, शौचालय आदि की व्यवस्था, आय का स्रोत, गैर सरकारी संस्था से मदरसे की संबद्धता आदि शामिल है।
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प्रत्येक टीम में गठित सर्वे टीम एडीएम (प्रशासन) के निर्देशन में 5 अक्टूबर तक सर्वे पूरा करना होगा और इसके बाद 10 अक्टूबर तक संकलित डाटा एडीएम के माध्यम से जिलाधिकारी को देंगे और 25 अक्टूबर तक सभी डीएम को डाटा शासन को देना होगा। प्रदेश में इस समय 16,461 मदरसे हैं, जिनमें केवल 560 को ही सरकार से अनुदान मिलता है।
योगी सरकार के अल्प संख्यक मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने कहा कि अल्पसंख्यक बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए सरकार द्वारा सर्वे कराना एक सकारात्मक कदम है। सरकार की मंशा है कि वे मदरसों में पढने वाले बच्चे महज मस्जिदों में मौलवी व मदरसों के शिक्षक बनाने तक सीमित न रह जाएं, बल्कि वे अन्य विषयों जैसे अंग्रेजी, गणित, विज्ञान भी पढें, ताकि समाज की मुख्य धारा से जुड़ें और सरकारी नौकरियां प्राप्त करके देश और क़ौम की तरक्की में भी अहम भूमिका निभाएं।
योगी सरकार के अल्प संख्यक मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने कहा कि अल्पसंख्यक बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए सरकार द्वारा सर्वे कराना एक सकारात्मक कदम है। सरकार की मंशा है कि वे मदरसों में पढने वाले बच्चे महज मस्जिदों में मौलवी व मदरसों के शिक्षक बनाने तक सीमित न रह जाएं, बल्कि वे अन्य विषयों जैसे अंग्रेजी, गणित, विज्ञान भी पढें, ताकि समाज की मुख्य धारा से जुड़ें और सरकारी नौकरियां प्राप्त करके देश और क़ौम की तरक्की में भी अहम भूमिका निभाएं।
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