पिंजरे में खुद फंसा तेंदुआः आठ महीने से डीएम आवास परिसर में रोज होती थी तलाश
शहर के मंडे नाला के पास बने जिलाधिकारी आवास परिसर में तेंदुए ने पिछले आठ महीने से डेरा डाल रखा था। दो महीने पहले इस तेंदुए की तस्वीर आवाल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी। कैमरे में तेंदुआ देखे जाने की पुष्टि के बाद वन विभाग की टीम तेंदुए को पकड़ने की कोशिश कर रही थी।
गोण्डा। दीपावली के दिन पटाखों के शोर के बीच तेंदुआ खुद ही पिंजरे में चला आया। पिछले आठ माह से यह तेंदुआ दहशत का पर्याय बना हुआ था। तेंदुए के पकड़े जाने से वन विभाग समेत डीएम आवास में ड्यूटी करने वाले कर्मियों ने राहत की सांस ली है। वन विभाग पकड़े गए तेंदुए को सोहेलवा वन रेंज में छोड़ेगा।
शहर के मंडे नाला के पास बने जिलाधिकारी आवास परिसर में तेंदुए ने पिछले आठ महीने से डेरा डाल रखा था। दो महीने पहले इस तेंदुए की तस्वीर आवाल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी। कैमरे में तेंदुआ देखे जाने की पुष्टि के बाद वन विभाग की टीम तेंदुए को पकड़ने की कोशिश कर रही थी।
करीब 6 एकड़ में फैले जिलाधिकारी आवास परिसर में तेंदुआ पकड़ने के लिए चार पिंजरे लगाए गये थे। वन विभाग की टीम डीएम आवास में लगातार कांबिंग कर रही थी। वन विभाग को कई बार तेंदुआ दिखाई दिया, लेकिन हर बार वह चकमा देकर निकल जाता था।
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डीएम आवास परिसर में तेंदुआ होने की पुष्टि से ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी भयभीत रहते थे। वहीं वन विभाग के कर्मचारी भी प्रतिदिन तेंदुए की तलाश में हलकान हो रहे थे। दीपावली के दिन पटाखों के शोर के बीच तेंदुआ खुद पिंजरे में आकर फंस गया।
डीएम आवास में तैनात कर्मचारियों ने तेंदुए को पिंजरे में फंसा देखा, तो तत्काल इसका सूचना वन विभाग के अफसरों को दी गई। प्रभारी वनाधिकारी राजकुमार त्रिपाठी ने बताया कि डीएम आवास से तेंदुआ पकड़ा गया है। औपचारिक कानूनी कार्रवाई पूरा करने के बाद तेंदुए को सोहेलवा वन प्रभाग के जंगलों में छोड़ा जायेगा।