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37 कुंतल विस्फोटक से महज 12 सैकेंड में ध्वस्त हो जाएगी सुपरटेक की 32 मंजिला दो टावर

नई दिल्ली। नोएडा के सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक(SUPERTECH) एमराल्ज कोर्ट में अवैध रुप से बनी 32 मंजिल टिवन टावर 28 अगस्त को महज 12 सेकेंड में जमीदोज हो जाएगी। इसके लिए विस्फोटक सामग्री लगाने का कार्य शुरु कर दिया गया है। पहले इन टावरों को 21 अगस्त को गिराया जाना था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ध्वस्तीकरण की तिथि आगे बढाकर 28 अगस्त कर दी थी।

ये टावर धवस्तीकरण के लिए उच्च क्षमता वाले विस्फोटकों(HIGHLY EXPLOSIVES) (डायनामाइड)  महज 12 सैकेंड में ध्वस्त हो जाएगी। 30 और 32 मंजिला दो टावर गिराने के लिए 37 कुंतल यानी 3700 किलो विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इन टावरों से गिरने से तीन किलोमीटर तक के दायरे में धुएं व मलबे के गुबार से दो चार होना पड़ सकता है।

नोएडा की सुपरटेक के ट्विन टावर  इन दिनों काफी चर्चा में हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इन दोनों टावरों को 28 आगस्त को गिराया जाना है। कोर्ट के आदेश पर  28 अगस्त की दोपहर 2.30 बजे 32 मंजिल की यह इमारत महज 12 सेकंड में पूरी तरह जमीदोज हो जाएगी। इसके लिए बारूद लगाने का काम पूरा हो चुका है. वहीं, पुलिस और प्रशासन की ओर से भी आसपास रहने वाले लोगों को वहां के अस्थायी रुप से अन्यत्र शिफ्ट कराने का प्लान तैयार हो चुका है।

सुपरटेक की वे दो टावर जिन्हें ध्वस्त कराया जाएगा

इन टावरों की बिल्डिंग को गिराने के लिए लगभग 3,700 किलो विस्फोटक का प्रयोग होगा। नोएडा जिला प्रशासन ने 28 अगस्त दोपहर 2: 15 से 2 : 45 तक नोएड़ा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवो को बंद रखने की घोषणा की है। इन टावरों के दोनों तरफ की सोसाइटीज़ में रहने वालों को सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक बाहर रहना होगा। टावर के दोनों तरफ़ की सोसाइटीज़ में कुल 1,396 फ्लैट हैं और यहां रहने वालों को उस दिन अपनी गाड़ियां भी हटानी होंगी। टावरों के चारों ओर एक्सक्लूशन ज़ोन बनाया गया है और इसके आगे किसी को भी जाने की इजाज़त नहीं होगी। टावरों को गिराने के समय फ़ायर ब्रिगेड की गाडियां,एंबुलेंस आदि सामने वाली सड़क पर तैनात रहेंगी।

आपको बता दें कि इन टावरों को निर्माण शर्तों का उल्लंघन करके बनाया गया था। नोएडा के सेक्टर-93 स्थित ट्विन टावरों का निर्माण 2009 में हुआ था।  सुपरटेक को दोनों टावरों(TOWERS) में 950 से ज्यादा फ्लैट्स बनाने थे, लेकिन बिल्डिंग के प्लान में बदलाव करने का आरोप लगाते हुए दर्जनों खरीदार 2012 इलाहाबाद हाईकोर्ट चले गए थे।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए वर्ष 2014 में नोएडा प्राधिकरण (NOIDA AUTHORITY) को जोरदार फटकार लगाते हुए ट्विन टावर को अवैध घोषित करार देते हुए उन्हें गिराने का आदेश दे दिया था, लेकिन सुपरटेक कंपनी हाईकोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था और तब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश के पालन पर रोक लगा दी थी। इस रोक के खिलाफ खरीददार भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और खरीददारों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने भी इन टावरों को अवैध बताते हुए इन्हें गिराने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में एडिफिस कंपना द्वारा टावरों को गिरा रहा है।

नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी की सीईओNOIDA AUTHORITY CEO और वरिष्ठ आईएएस ऋतु माहेश्वरी(IAS RITU MAHESHWARI) का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच में 26 कर्मचारियों को दोषी पाया गया था और उन सबके खिलाफ पर FIR दर्ज करके आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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Team News Watch India

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