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उप-राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने आंध्र प्रदेश में स्थापित किए जा रहे विभिन्न संस्थानों की प्रगति की आज समीक्षा की

नई दिल्ली: उप-राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने आंध्र प्रदेश राज्य में स्थापित किए जा रहे विभिन्न संस्थानों की प्रगति की आज यहां समीक्षा की। सचिव, उच्च शिक्षा श्री के. संजयमूर्ति ने नई दिल्ली स्थित उप-राष्ट्रपति निवास में उन्हें इन संस्थानों की स्थिति के संबंध में जानकारी दी।

मूर्ति ने उप-राष्ट्रपति को राज्य के अनन्तपुर में सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ आंध्र प्रदेश, विजयनगरम में सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी ऑफ आंध्र प्रदेश, तिरुपति में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी (आईआईटी), टेडपल्लीगुडम में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी), विशाखापट्टनम में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेनेजमेंट (आईआईएम), तिरुपति में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसईआर), गुंटूर में पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी (आईआईपीई), एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी आचार्य एन.जी. रंगा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (एएनजीआरएयू), कुरनूल में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी डिज़ाइन मेन्युफैक्चरिंग, मंगलगिरि में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिजास्टर मेनेजमेंट तथा ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एआईआईएमएस) की स्थापना एवं उनका परिचालन शुरू करने के बारे में हुई प्रगति से अवगत कराया। उप-राष्ट्रपति ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर स्टडीज इन क्लासिकल तेलुगु के संचालन और नेल्लोर में नेशनल कॉन्सिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) के क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान की स्थापना के बारे में हुई प्रगति की जानकारी भी मांगी।

केंद्रीय शिक्षा एवं कुशलता विकास तथा उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कल नायडु से मुलाकात कर उन्हें इस विषय में जानकारी दी थी। इसके बाद उच्च शिक्षा सचिव उप-राष्ट्रपति निवास गए और वहां उन्होंने इस विषय पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।

दोपहर बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने भी नायडु को संसद भवन स्थित उनके चैंबर में आज अपने मंत्रालयों के तहत स्थापित किए जा रहे संस्थानों की स्थिति से अवगत कराया। उप-राष्ट्रपति ने संबद्ध मंत्रालयों/विभागों से कहा कि वे यदि कोई बाधाएं हों तो उन्हें दूर करने के लिए राज्य सरकारों के संबद्ध मंत्रालयों के साथ विचार कर, इन परियोजनाओं को तेजी से पूरा करें।

यह ध्यान देने योग्य है कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन कानून, 2014 के तहत भारत सरकार ने विभाजित आंध्र प्रदेश राज्य में कई संस्थान स्थापित करने का फैसला किया था।

नायडु राज्य और देश की जनता के व्यापक हित में इन परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने और इन्हें परिचालन योग्य बनाने के लिए विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के साथ नियमित संपर्क में हैं और उन्हें मार्गदर्शन देते रहते हैं।

Pramod Sharma

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