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आखिर कब शुरु हुआ भारत में डाक टिकट का प्रचलन? महात्मा गांधी ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन पर टिकट किया गया था जारी

नई दिल्ली: देश में अगर डाक टिकट के इतिहास की बात करें तो डाक का इतिहास उतना ही पुराना है, जितना कि देश की आजादी. डाक टिकटों की यात्रा बेहद ही दिलचस्प है. तो आइए जानते है टिकट से जुड़े कुछ अनसुने पहलुओं पर प्रकाश डालते है.

आजाद भारत का पहले डाक टिकट का उपयोग

आजाद भारत का पहले डाक टिकट का उपयोग केवल देश के अंदर डाक भेजने के लिए किया गया। इस पर भारतीय ध्वज का चित्र लगा हुआ था। टिकट की यह राशि 1947 तक ‘आना’ में ही रही, जबकि रुपए की कीमत ‘आना’ की जगह बदल कर ‘100 नए पैसे’ में कर दी गई। वैसे 1964 में पैसे के साथ जुड़ा ‘नया’ शब्द भी हटा दिया गया। 1947 में एक रुपया ‘100 पैसे’ का नहीं बल्कि ’64 पैसे’ यानि 16 आने का होता था और इकन्नी, चवन्नी और अठन्नी का ही प्रचलन था।

डाक टिकट पर अशोक के राष्ट्रीय चिन्ह का चित्र मुद्रित

आजाद भारत का पहले टिकट का उपयोग केवल देश के अंदर डाक भेजने के लिए किया गया। उस दौरान देश मे भेजे जाने वाली डाक के लिए पहले डाक टिकट पर अशोक के राष्ट्रीय चिन्ह का चित्र मुद्रित किया गया। इसकी कीमत डेढ़ आना थी। वहीं विदेश में भेजे जाने वाले पत्रों के लिए पहले डाक टिकट पर डीसी चार विमान का चित्र बना हुआ था, जिसकी कीमत बारह आना यानि 48 पैसे की थी।

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भारत का पहला डाक टिकट 21 नवंबर 1947 को जारी हुआ. इसका उपयोग केवल देश के अंदर डाक भेजने के लिए किया गया. इस पर भारतीय ध्‍वज का चित्र और जय हिंद लिखा हुआ है. आजाद भारत का पहला डाक टिकट साढ़े तीन आना राशि यानी 14 पैसा था.

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर डाक टिकट जारी

आजाद भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन पर डाक टिकट जारी किया गया था। वहीं देश में अब तक कई लोगों के नाम पर डाक टिकट जारी हो चुके हैं. इसमें से कुछ डाक टिकट प्रचलन में नहीं आए. उन्हें केवल सम्मान स्वरूप प्रकाशित किया गया है.

दुनिया का पहला डाक टिकट 178 साल पहले जारी हुआ था। हालांकि, इसका पहला इस्तेमाल छह मई 1840 को किया गया था। इसका नाम था ब्लैक पेनी। ये टिकट ब्रिटेन में जारी किया गया था। काले रंग के इस डाक टिकट पर महारानी विक्टोरिया का चित्र बना हुआ था। इसकी कीमत थी एक पेनी, जो ब्रिटेन की मुद्रा हुआ करती थी।

भारत का पहला सिंध डाक टिकट

1 जुलाई 1852 में कराची से जारी हुआ सिंध डाक टिकट एक कागज था. इस पर लाख का ठप्पा लगा होने से यह गलकर निकलने से ज्यादा दिन नहीं चल पाया.

विश्र्व का पहला डाक टिकट पैन ब्लेक

1 मई,1840 को ग्रेट ब्रिटेन में जारी हुआ. महारानी के नाम से डाक टिकट जारी होने से बाद में इसे प्रतिबंधित कर दिया था. इसलिए यह काफी चर्चित रहा था.

देश में पहला टिकट

1947 में देश आजाद होने पर उसी साल 21 नवंबर को पहला टिकट जारी हुआ. इस पर जय हिंद व इंडिया लिखा था. कीमत साढ़े तीन आने थी.

1852 में भारत में पहली बार चिट्ठी पर डाक टिकट लगाने की शुरूआत हुई थी।

01 अक्टूबर, 1854 को भारत में महारानी विक्टोरिया के चित्र वाला डाक टिकट जारी हुआ था.

01 अक्टूबर, 1854 को भारत में एक विभाग के तौर पर डाक विभाग की स्थापना हुई थी.

1.50 लाख से अधिक पोस्ट ऑफिस हैं, भारत में। 89.87 फीसद पोस्ट ऑफिस ग्रामीण क्षेत्रों में हैं.

20 अगस्त 1991 को भारत में सबसे बड़ा डाक टिकट पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर जारी हुआ था।

1516 में ब्रिटेन में डाक विभाग की स्थापना हुई थी, जिसे रॉयल मेल के नाम से जाना जाता है।

1576 में फ्रांस में डाक विभाग की स्थापना हुई, जिसे ला पोस्ट एक के नाम से जाना जाता है।

1775 में अमेरिकी डाक विभाग की स्थापना हुई, जिसे यूएस मेल के नाम से जाना जाता है।

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