ट्रेंडिंगन्यूज़बड़ी खबर

जैविक अपशिष्ट को लेकर योगी सरकार गंभीर, मुख्य सचिव ने कहा- जल, वायु और भूमि प्रदूषण का धरातल दुष्प्रभाव का आंकलन जरूरी

लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि जैविक अपशिष्ट और पराली के प्रबंधन को लेकर प्रदेश सरकार अत्यंत गंभीर है। जल, वायु और भूमि प्रदूषण को रोकने के लिए हमें ठोस रणनीति बनाकर कार्य करना होगा। पर्यावरणविद विशेषज्ञों का सहयोग लेकर नीति के क्रियान्वयन और उसके धरातल पर प्रभाव व दुष्प्रभाव इन सबका आंकलन करना जरूरी है। ये बातें मुख्य सचिव ने अतिरिक्त ऊर्जा श्रोत विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति ड्राफ्ट-2022 के प्रस्तुतीकरण के दौरान कही।

यह भी पढ़ें- UP के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स की सर्वोच्च सदस्यता फेलो उपाधि से सम्मानित


मुख्य सचिव ने कहा कि नई जैव ऊर्जा नीति में इस बात का ध्यान रखा जाये कि कार्ययोजना पर आने वाली लागत,लाभ और हानि से जुड़े व्यवहारिक आंकड़े उपलब्ध हों। अर्थव्यवस्था, बाजार की मांग का अध्ययन कर उसके अनुकूल ही नीति बनाया जानी चाहिए। साथ ही नीति के क्रियान्वयन से जुड़े सभी विभागों का परस्पर बेहतरीन समन्वय होना चाहिए।


बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जैव ऊर्जा उद्यमों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य जैव उद्यम प्रोत्साहन कार्यक्रम 2018 को लागू किया था, जिसके तहत जैव ऊर्जा उद्यमों को पूंजीगत उपादान, राज्य जीएसटी की 10 वर्षों तक शत प्रतिशत प्रतिपूर्ति और इन उद्यमों की स्थापना के लिए भूमि क्रय पर स्टाम्प डयूटी में शत प्रतिशत छूट की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। अब मुख्यमंत्री योगी ने कृषि अपशिष्ट आधारित जैव ऊर्जा उद्यमों को बढ़ावा देने संबंधी नई जैव ऊर्जा नीति तैयार करने का निर्देश दिया है।


इस कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न जैव ऊर्जा उत्पादों एवं तकनीकों से संबंधित 14 बड़ी परियोजनाओं को स्वीकृति पत्र जारी किए गए, जिनमें से 2 इकाईयों में वाणिज्यिक उत्पादन प्रारम्भ हो चुका है। एक अन्य इकाई जून 2022 तक पूर्ण होने की संभावना है।


प्रस्तावित नई नीति में शामिल मुख्य बिन्दु

प्रस्तावित नई नीति में 10 वर्षों के लिए विद्युत कर शुल्क व स्टाम्प ड्यूटी में शत-प्रतिशत छूट देने, इकाई लागत के 15 प्रतिशत के बराबर पूंजीगत उपादान, बायोमास के संग्रहण, परिवहन तथा भण्डारण में प्रयुक्त कृषि मशीनरी पर पृथक से पूंजीगत उपादान, दीर्घकालीन बायोमास आपूर्ति अनुबंध, ग्राम समाज/राजस्व भूमियों तथा चीनी मिल परिसरों में उपलब्ध रिक्त भूमियों का उद्यम स्थापना तथा बायोमास भण्डारण हेतु आवंटन समेत राजकीय थर्मल विद्युत उत्पादन गृहों में कोयले के साथ पैडीस्ट्रा को को-फायर करने की व्यवस्था शामिल है।


उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति ड्राफ्ट- 2022 से लाभ
प्रस्तावित नीति से पराली जलाने, जैविक अपशिष्ट का वैज्ञानिक विधि से निस्तारण की समस्या का समाधान होगा। साथ ही जैव ऊर्जा के उत्पादन और बायोमैन्यूर के प्रयोग से कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी। इस नीति के आने से ग्रामीण क्षेत्र में निवेश तथा रोजगार आएगा, आयातित कच्चे तेल तथा पेट्रोलियम गैस पर निर्भरता में कमी होगी, जिससे भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा की बचत होगी।

news watch india
Team News Watch India

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button