BlogForeign NewsSliderइंटरनेशनल न्यूज़ट्रेंडिंग

US Military Leak: अमेरिकी सैन्य योजना लीक पर तुलसी गैबार्ड की प्रतिक्रिया, ‘यह एक गलती थी, लेकिन…’

अमेरिकी सैन्य योजना लीक होने पर तुलसी गैबार्ड ने इसे गलती बताया लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा उल्लंघन से इनकार किया। डेमोक्रेट्स ने इस मामले की जांच और कार्रवाई की मांग की, जबकि ट्रंप प्रशासन ने इसे तूल न देने की सलाह दी। यह घटना सरकारी संचार प्रणाली की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

US Military Leak: अमेरिकी सैन्य रणनीति से जुड़ी एक संवेदनशील जानकारी लीक होने के मामले ने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने सिग्नल मैसेजिंग ऐप के एक ग्रुप चैट में सैन्य अभियान से जुड़ी जानकारी साझा की, जिसमें एक पत्रकार भी शामिल थे। इस घटना के सामने आने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा उल्लंघन पर कड़ी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

कैसे सामने आया यह विवाद?

यह विवाद तब शुरू हुआ जब पता चला कि पूर्व प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने यमन में सैन्य अभियान से जुड़ी रणनीति पर निजी मैसेजिंग प्लेटफॉर्म सिग्नल पर चर्चा की। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह थी कि इस ग्रुप में एक वरिष्ठ पत्रकार भी मौजूद थे, जिससे यह सवाल खड़ा हुआ कि क्या राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी जानकारी गलत हाथों में जा सकती है।

Latest ALSO New Update Uttar Pradesh Newsउत्तराखंड की ताज़ा ख़बर

तुलसी गैबार्ड की सफाई

पूर्व कांग्रेस सदस्य तुलसी गैबार्ड, जो इस चर्चा से जुड़ी थीं, ने कहा, “यह एक गलती थी, लेकिन इसमें कोई गोपनीय जानकारी साझा नहीं की गई थी।” उन्होंने दावा किया कि यह केवल नीतिगत चर्चा थी और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा उल्लंघन के रूप में देखना गलत होगा। गैबार्ड ने यह भी कहा कि इस मामले को जरूरत से ज्यादा तूल दिया जा रहा है।

पढ़ें : उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा था बांग्लादेश, पीएम मोदी ने पूरा किया ‘सपना’

राजनीतिक घमासान और जांच की मांग

डेमोक्रेटिक पार्टी के कई नेताओं ने इस मामले की विस्तृत जांच की मांग की है। उनके अनुसार, इस तरह की लापरवाही से देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है और इससे भविष्य में संवेदनशील सूचनाओं के दुरुपयोग की संभावना बढ़ जाती है। कुछ सांसदों ने इस मामले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी मांग की है।

ट्रंप प्रशासन की प्रतिक्रिया

डोनाल्ड ट्रंप ने इस मामले को तूल न देने की सलाह देते हुए इसे मामूली चूक करार दिया। वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने जांच शुरू कर दी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इस वार्ता में कोई संवेदनशील या गोपनीय जानकारी साझा की गई थी। कुछ अधिकारियों का मानना है कि यह प्रशासनिक लापरवाही थी, जबकि अन्य इसे सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा मान रहे हैं।

पढ़े : भारत ने अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट को पक्षपाती बताया, रिपोर्ट को किया खारिज

सुरक्षित संचार पर बढ़ती चिंता

यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि सरकारी अधिकारियों द्वारा संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए किस तरह के संचार माध्यमों का उपयोग किया जाना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की जानकारी केवल अधिकृत और सुरक्षित प्लेटफॉर्म पर ही साझा की जानी चाहिए ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा को किसी भी तरह का खतरा न हो।

पढ़े ताजा अपडेटNewswatchindia.comHindi NewsToday Hindi News, Breaking

अमेरिकी सैन्य योजना लीक का यह मामला प्रशासनिक लापरवाही और सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन का एक बड़ा उदाहरण बन गया है। तुलसी गैबार्ड इसे मामूली गलती बता रही हैं, जबकि विरोधी दल इसे गंभीर सुरक्षा चूक करार दे रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच में क्या निष्कर्ष निकलते हैं और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

Political News: Find Today’s Latest News on PoliticsPolitical Breaking News, राजनीति समाचार, राजनीति की खबरे from India and around the World on News watch india.

Follow Usहिंदी समाचारBreaking Hindi News Live  में सबसे पहले पढ़ें News watch indiaपर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट न्यूज वॉच इंडिया न्यूज़ लाइवपर पढ़ें बॉलीवुडलाइफस्टाइल, न्यूज़ और Latest soprt Hindi News, से जुड़ी तमाम ख़बरें  हमारा App डाउनलोड करें। YOUTUBE National। WhatsApp Channels FACEBOOK । INSTAGRAM। WhatsApp Channel। TwitterNEWSWATCHINDIA 24×7 Live TV

Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button