Uttarakhand culture decorated with paintings in Kotdwar : उत्तराखंड स्थापना दिवस पर यूकेडी और कांग्रेस का सरकार पर हमला, कोटद्वार में पेंटिंग से सजी उत्तराखंड की संस्कृति
UKD and Congress attack the government on Uttarakhand Foundation Day, Uttarakhand culture decorated with paintings in Kotdwar
Uttarakhand culture decorated with paintings in Kotdwar: उत्तराखंड अपना सिल्वर जुबली यानी 25वां स्थापना दिवस 9 नवंबर को मनाने जा रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रदेश भर में उत्सव का माहौल है, लेकिन इस मौके पर राज्य की राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। एक ओर जहां कोटद्वार को खूबसूरत पेंटिंग्स से सजाया गया है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) ने राज्य में विकास की धीमी रफ्तार और समस्याओं को लेकर सरकार को घेरा है।
यूकेडी का बीजेपी और कांग्रेस पर तीखा प्रहार
उत्तराखंड क्रांति दल के संरक्षक त्रिवेंद्र पंवार ने राज्य के राजनीतिक दलों पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि राष्ट्रीय दलों के कारण राज्य के युवा बेरोजगारी और नशे के दलदल में धकेले जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने राज्य के युवाओं को रोजगार देने के बजाय उन्हें “आगे कुआं पीछे खाई” जैसी स्थिति में खड़ा कर दिया है। यूकेडी के अनुसार, जिन नौजवानों ने राज्य निर्माण के बाद अपने भविष्य को लेकर बड़े सपने देखे थे, आज वे बेरोजगारी और पलायन के लिए मजबूर हो गए हैं।
पंवार ने इस बात पर भी रोष जताया कि उत्तराखंड में महिलाओं के प्रति अपराध में वृद्धि हुई है और राज्य के गांवों से लगातार पलायन जारी है। उन्होंने कहा कि केवल वे लोग, जिन्होंने राज्य के निर्माण के लिए संघर्ष किया है और 42 आंदोलनकारियों की शहादत को देखा है, वही राज्य के सर्वांगीण विकास की सोच सकते हैं। यूकेडी का आरोप है कि राष्ट्रीय दलों ने सत्ता में रहते हुए केवल राज्य की संपत्ति का दोहन किया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने उठाए सवाल
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भी राज्य सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उत्तराखंड के सामने आज भी कई बड़ी चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की महिलाओं और युवाओं के भविष्य को सुरक्षित और आशाजनक बनाना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। माहरा ने बताया कि कांग्रेस के पहले मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के कार्यकाल में राज्य में विभागों का ढांचा तैयार हुआ और विकास की नींव रखी गई। लेकिन वर्तमान सरकार ने इस बुनियाद पर कोई ठोस काम नहीं किया है।
माहरा ने कहा कि बीजेपी के कार्यकाल में जनता से किए वादों को निभाने की बजाय धन और सत्ता के बल पर राजनीति की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त की संस्कृति को बढ़ावा दिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने बढ़ते महिला अत्याचार, बेरोजगारी, खराब स्वास्थ्य सुविधाएं, और सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते आंकड़ों पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया। कांग्रेस ने इन सभी समस्याओं को सरकार की विफलता करार दिया और कहा कि ये मुद्दे आज भी राज्य के विकास में बाधा बने हुए हैं।
टिंग से सजा कोटद्वार: संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन
उत्तराखंड स्थापना दिवस के अवसर पर कोटद्वार शहर को खास तरीके से सजाया गया है। शहर के मुख्य चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर राज्य की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करती मनमोहक पेंटिंग्स बनाई गई हैं। कोटद्वार में एक पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें स्थानीय कलाकारों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
कोटद्वार में तीलू रौतेली चौक, सिद्ध बली मंदिर मार्ग, सिम्मलचौड़ न्यायालय परिसर और अन्य मुख्य स्थानों पर उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों की खूबसूरत चित्रण किया गया है। पेंटिंग्स में उत्तराखंड के देवस्थान, ॐ पर्वत, पारंपरिक वेशभूषा, और ढोल दमाऊ जैसे वाद्य यंत्रों को दिखाया गया है, जो स्थानीय लोगों और पर्यटकों को राज्य की संस्कृति से जोड़ता है।
गढ़वाल और कुमाऊं की पारंपरिक झलक
पेंटिंग्स में गढ़वाल और कुमाऊं के पारंपरिक पहनावे, जीवनशैली और विश्व प्रसिद्ध नंदा राजजात यात्रा का जीवंत चित्रण किया गया है। यह पेंटिंग्स न केवल पर्यटकों को उत्तराखंड की संस्कृति से परिचित करवा रही हैं, बल्कि स्थानीय निवासियों को भी अपनी परंपराओं और धरोहरों पर गर्व महसूस करा रही हैं। इस पहल में कोटद्वार के 30 प्रतिभागियों ने आवेदन किया था, जिनमें से 15 कलाकारों का चयन किया गया और उनकी मनमोहक पेंटिंग्स अब शहर को सजा रही हैं।
स्थानीय कलाकारों की यह पहल एक अनोखी पहचान दे रही है और दर्शकों के दिलों में राज्य के प्रति गौरव और प्रेम बढ़ा रही है।
25 साल का सफर, लेकिन विकास की राह अभी भी चुनौतीपूर्ण
उत्तराखंड 9 नवंबर को 25 वर्ष पूरे करने जा रहा है। हालांकि राज्य के निर्माण के साथ कई सपनों और उम्मीदों का जन्म हुआ था, लेकिन आज भी विकास की कई महत्वपूर्ण चुनौतियां सामने हैं। चाहे बेरोजगारी हो, नशे का बढ़ता प्रभाव हो, या पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन की समस्या, ये सभी राज्य के लिए गंभीर मुद्दे बने हुए हैं।
कांग्रेस और यूकेडी के इन आरोपों के बीच यह स्थापना दिवस सरकार के लिए एक अवसर हो सकता है कि वह अपने कामों का आंकलन करे और विकास के ठोस प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करे। वहीं, कोटद्वार जैसे शहरों में आयोजित सांस्कृतिक और कलात्मक प्रदर्शन राज्य की विविधताओं को उजागर कर रहे हैं और युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति के प्रति जुड़ाव का संदेश दे रहे हैं।
उत्तराखंड के स्थापना दिवस पर यह आयोजन राज्य की संस्कृति और समस्याओं के मिश्रित रूप को दर्शाता है, जो राज्य के विकास और संरक्षण के प्रति एक समर्पण का प्रतीक है।