UP Bijnor News: दिल्ली पब्लिक स्कूल बिजनौर में कोडिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कार्यशाला का आयोजन
Delhi Public School, Bijnor organised a workshop on Coding and Artificial Intelligence
UP Bijnor News: दिल्ली पब्लिक स्कूल,बिजनौर में कोडिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर कार्यशाला का आयोजन किया गया जो की एक महत्वपूर्ण पहल थी, जिसका उद्देश्य छात्रों को तकनीकी क्षेत्र में निपुण बनाना और उन्हें डिजिटल युग की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करना था। विशेषज्ञ श्रीमती लगन मलिक और श्रीमान मयूर पाठक ने इस कार्यशाला का नेतृत्व किया, जिसमें कक्षा 3 से 5 के छात्रों को स्मार्ट असिस्टेंट्स के बारे में सिखाया गया और कक्षा 6 से 9 के छात्रों को कंप्यूटर विज़न की जानकारी दी गई।
कार्यशाला की शुरुआत प्रधानाचार्या श्रीमती पायल कपूर द्वारा की गई,जिन्होंने तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के महत्व पर प्रकाश डाला।उन्होंने बताया कि कोडिंग और AI केवल तकनीकी उद्योग तक ही सीमित नहीं हैं,बल्कि ये चिकित्सा,शिक्षा,व्यापार और अन्य क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
इस कार्यशाला का एक मुख्य उद्देश्य छात्रों को इन क्षेत्रों में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना था ताकि वे भविष्य में इन कौशलों का उपयोग कर सकें।छात्रों को यह भी समझाया गया कि कैसे कोडिंग और AI में दक्षता हासिल करना उन्हें नए करियर अवसरों की ओर ले जा सकता है। आजकल कंपनियाँ इन क्षेत्रों में कुशल लोगों की तलाश कर रही हैं,और यह न केवल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बल्कि चिकित्सा,शिक्षा,व्यापार,और अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर पैदा कर रहा है। इसके साथ ही,छात्रों को यह भी जानकारी दी गई कि विभिन्न देशों की सरकारें और शिक्षण संस्थान भी AI और कोडिंग को शिक्षा प्रणाली में शामिल कर रहे हैं,ताकि छात्रों को रोजगार के लिए बेहतर ढंग से तैयार किया जा सके।
दिल्ली पब्लिक स्कूल में आयोजित इस कार्यशाला ने छात्रों को कोडिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की उपयोगिता और संभावनाओं से अवगत कराया। इस कार्यशाला ने छात्रों में तकनीकी कौशल विकसित करने और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने का महत्वपूर्ण कार्य किया।छात्रों ने इस अनुभव को सराहा और उत्साहित होकर इस क्षेत्र में और आगे बढ़ने की प्रेरणा प्राप्त की।
स्कूल प्रबंधन ने छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस कार्यशाला का आयोजन किया,ताकि उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन मिल सके और वे तकनीकी क्षेत्र में अपनी क्षमता को विकसित कर सकें।