लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने के कारण उनकी सरकार के एक मंत्री को अपने पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। योगी कैबिनेट में शामिल जल शक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने केन्द्रीय गृह मंत्री को चिठ्ठी लिखकर अपने पद से इस्तीफा देने की जानकारी दी।
दिनेश खटीक ने अधिकारियों पर मनमानी करने और विभाग के अफसरों के तबादले में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाया है। उन्होने कहा कि विभाग के मंत्री उनकी बात नहीं मानते थे। विभाग के अधिकारी उनको कोई महत्व नहीं देते हैं और न ही कोई सम्मान करते हैं। उन्होने कहा कि जब उन्होनें गंगा नमो के प्रोजेक्ट पर सिंचाईं विभाग के प्रमुख सचिव से बात की तो उन्होने पूरी बात सुने ही उनका फोन काट दिया। भ्रष्टाचार की जानकारी होने पर जब उन्होने अपने विभाग के विभागाध्यक्ष से इस संबंध में जानकारी मांगी तो उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गयी।
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बताया गया है कि योगी सरकार ने 16 जून को अधिकारियों की स्थानांतरण नीति की लाये थे। और एक जुलाई से प्रदेश में अधिकारियों के तबादले होने के बाद लगातार अधिकारियों की मनमानी की बता सामने आ रही थी। इसके बाद हुए तबादलों में स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण विभाग के साथ-साथ जनशक्ति विभाग के हुए मामलों में तबादलों में भी गड़बड़ी पाये जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए कई अधिकारियों को निलंबित किया गया। लेकिन इसके बावजूद संबंधित विभाग के मंत्रियों की शिकायतें कम नहीं हो रही हैं।