UP News: 150 साल पुराने शिवलिंग का उद्धार, कब्रिस्तान में मिला इतिहास का प्रतीक
मोदीनगर के आबिदपुर मानकी गांव में इतिहास और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब एक कब्रिस्तान की बाउंड्री के भीतर 150 साल पुराना शिवलिंग पाया गया। देखरेख के अभाव में मिट्टी और गंदगी से ढके इस प्राचीन शिवलिंग की सूचना मिलते ही हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर सफाई अभियान चलाया।
UP News: मोदीनगर के आबिदपुर मानकी गांव में इतिहास और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब एक कब्रिस्तान की बाउंड्री के भीतर 150 साल पुराना शिवलिंग पाया गया। देखरेख के अभाव में मिट्टी और गंदगी से ढके इस प्राचीन शिवलिंग की सूचना मिलते ही हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर सफाई अभियान चलाया। शिवलिंग पर जलाभिषेक किया गया और भगवान भोलेनाथ के जयकारों से माहौल गुंजायमान हो उठा।
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इतिहास के साक्षी बने लोग
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, यह शिवलिंग वर्षों पुराना है और उनके पूर्वज इसे पूजते आए हैं। हालांकि समय के साथ इसकी देखभाल कम होती गई, और यह गंदगी के नीचे छिप गया। इस दुर्लभ शिवलिंग की स्थिति को देखकर हिंदू संगठन के पदाधिकारियों ने इसे संरक्षित करने और इसके लिए अलग रास्ते और मंदिर निर्माण की मांग उठाई।
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आस्था और संगठन की पहल
हिंदू युवा वाहिनी के जिला महामंत्री नीरज शर्मा के नेतृत्व में पहुंचे कार्यकर्ताओं ने न केवल शिवलिंग की सफाई की, बल्कि इसे पूजनीय बनाने के लिए कदम उठाए। उनका कहना है कि शिवलिंग से जुड़ी लोगों की गहरी आस्था को देखते हुए इसे सम्मानपूर्वक पूजा के योग्य बनाना आवश्यक है।
कब्रिस्तान में शिवलिंग की उपस्थिति का रहस्य
यह शिवलिंग कब्रिस्तान की बाउंड्री के भीतर, पीर की मजार के निकट स्थित है। इसकी उपस्थिति कई सवाल खड़े करती है, लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि यह धार्मिक सौहार्द का प्रतीक हो सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि यह शिवलिंग उनके बचपन से ही यहां मौजूद है और इसे पूजने की परंपरा भी प्राचीन है।
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प्रशासन से मदद की मांग
पदाधिकारियों ने मोदीनगर थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए शिवलिंग तक पहुंचने के लिए अलग रास्ता बनाए जाने की मांग की है। उनका कहना है कि आस्था का यह केंद्र जनमानस को जोड़ता है, और इसे संरक्षित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है।
स्थानीय प्रशासन सतर्क
शिवलिंग के प्रति बढ़ती भीड़ और लोगों की भावनाओं को देखते हुए स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और हिंदू संगठन द्वारा उठाई गई मांगों पर विचार का आश्वासन दिया है।
आस्था और इतिहास का मिलन
आबिदपुर मानकी गांव का यह शिवलिंग न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि इतिहास की जीवंत धरोहर भी है। शिवलिंग के संरक्षण और इसे पूजा-अर्चना के लिए सुलभ बनाने की यह पहल इसे एक नए आयाम की ओर ले जा सकती है।
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