उत्तर प्रदेशराज्य-शहर

Uttar Pradesh News: सरकार के वादे नहीं हुए पुरे 14 दिन में नहीं हुआ भुगतान और ना हुई किसान की आय दुगनी

उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश 'मिठास' के मामले में भी अव्वल है. यहां बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती होती है. वेस्ट यूपी को गन्ना बेल्ट के रूप में जाना जाता है. लेकिन, गन्ना किसानों के सामने चुनोतियां भी बहुत हैं. किसान गन्ना चीनी मिलों को दे देते हैं लेकिन, उसका पेमेंट लटक जाता है.

Uttar Pradesh News: Government's promises were not fulfilled, payment was not made in 14 days and farmer's income did not double

Uttar Pradesh News: यूपी के गन्ना किसानों पर आफत; 4000 करोड़ का पेमेंट अटका, बड़े-बड़े आंदोलन भी फेल -किसान नेता बोले, कब होगी सरकार मेहरबान, 14 दिन में गन्ने का भुगतान क्यों नहीं, देश के सबसे बड़े राज्य में किसान परेशान.

यूपी में गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर हजारों करोड़ रुपए बकाया.

उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश ‘मिठास’ के मामले में भी अव्वल है. यहां बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती होती है. वेस्ट यूपी को गन्ना बेल्ट के रूप में जाना जाता है. लेकिन, गन्ना किसानों के सामने चुनोतियां भी बहुत हैं. किसान गन्ना चीनी मिलों को दे देते हैं लेकिन, उसका पेमेंट लटक जाता है.

प्रदेश में हजारों करोड़ रुपए से भी ज्यादा रकम गन्ना किसानों की शुगर मिलों पर बकाया है. वैसे तो पूरे उत्तर प्रदेश में ही गन्ने की पैदावार होती है. लेकिन, वेस्ट यूपी में किसानों के लिए गन्ना सबसे महत्वपूर्ण फसल होती है. यहां गन्ने बम्पर पैदावार होती है.

इसलिए पेमेंट न होने से यहां के ज्यादा किसान प्रभावित होते हैं. यही कारण है कि प्रदेश में हमेशा सियासत में गन्ने की गूंज रही है. राजनीतिक पार्टियां भी किसानों को लुभाने के लिए गन्ने का जिक्र मंच से करती रही हैं. बड़े-बड़े किसान आंदोलन में भी गन्ना छाया रहा है.

पढें: मेरठ के मेडिकल कॉलेज घोटाले में बड़ा एक्शन! पूर्व MLC की बेटी शिवानी अग्रवाल पर CBI का शिकंजा

यूपी में गन्ना किसानों के बकाए

समय के साथ बदलाव तो हुए, लेकिन क्या गन्ना किसानों की स्थिति में बदलाव हुआ? इसी सवाल का जवाब यूपी का किसान आज भी खोजता है. शुगर मिलों पर घने कोहरे और पाले से बेफिक्र होकर गन्ना पहुंचाने के महीनों बाद भी अपनी रकम का इंतजार करते हुए किसानों को देखा जा सकता है.

यूपी में कितनी चीनी मिलें: उत्तर प्रदेश में कुल मिलाकर 122 चीनी मिले हैं. इस पेराई सीजन में चीनी मिलों ने 35000 करोड़ का गन्ना खरीदा है. अगर भुगतान की बात करें तो अब तक 88.38% भुगतान किया जा चुका है. इसके बाद इस पेराई सीजन का 4000 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है.

ये एक सीजन का बकाया है. अगर बात करें पीछे के अन्य सीजन की तो उनका भी पेमेंट अभी बकाया है. इन बकाया आंकड़ों को जोड़ा जाए यह रकम कितनी होगी इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है.

किस चीनी मिल पर सबसे ज्यादा बकाया: बता दें कि सबसे ज्याद किसानों का पेमेंट प्राइवेट चीनी मिलों पर बकाया है. ताजा सीजन की बात करें तो प्राइवेट चीनी मिलों की ओर से 87.58% भुगतान किया गया है. यानी करीब 12.5% भुगतान अभी बकाया है. इसी तरह कॉर्पोरेशन की चीनी मिलों ने 97.54% भुगतान किया है, यानी करीब 2.5% पेमेंट बकाया है. कोऑपरेटिव चीनी मिलों ने 92.86% भुगतान किया है. यानी, करीब 7% पेमेंट बकाया है.

प्राइवेट चीनी मिलों में सबसे बड़ा डिफॉल्टर बजाज ग्रुप है, जिनकी प्रदेश में 14 चीनी मिले हैं. उनके ऊपर लगभग 2300 करोड़ का गन्ना भुगतान बकाया है. वहीं केसर ग्रुप, मोदी, ओसवाल और यदु ग्रुप की चीनी मिलों का भी गन्ना भुगतान अभी शेष है.

राकेश टिकैत बोले, सरकार को वादा नहीं भूलना चाहिए: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया, किसानों की स्थिति तब सुधरेगी जब उन्हें समय से भुगतान मिलेगा. चीनी मिलें पहले भी किसानों को समय से पेमेंट नहीं करती थीं और आज भी नहीं कर रहीं.

किसानों का 20 प्रतिशत पेमेंट चीनी मिलों पर अटका: राकेश टिकैत बोले, बेशक, अब भुगतान को लेकर स्थिति पहले से बेहतर है, लेकिन सरकार को अपने वादे को नहीं भूलना चाहिए. 14 दिन में किसानों को पेमेंट होना चाहिए. उनके अनुसार अभी भी 20 प्रतिशत से ज्यादा भुगतान किसानों का मिलों पर अटका है.

किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सवित मलिक बोले, किसानों की सुध नहीं ले रही सरकार: किसान नेता सवित मलिक कहते हैं कि ये बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है. प्रदेश में गन्ना किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. जब बीजेपी 2017 में सत्ता में आई थी तो 14 दिन में गन्ने के भुगतान का वादा किसानों से किया था. देश के प्रधानमंत्री ने भी चुनाव के दौरान गन्ना भुगतान समय पर कराने की बात की थी अब वो भी अपना वादा भुल गये है

लेकिन, भुगतान समय से नहीं हो रहा. लखीमपुर खीरी से खुद गन्ना राज्यमंत्री आते हैं, लेकिन वहां भी किसानों की कोई सुध नहीं ले रहा. वहां भी गन्ना किसानों का शुगर मिलों पर बकाया है. यूपी में लगभग 10 हजार करोड़ से भी ज्यादा गन्ना किसानों का शुगर मिलों पर बकाया है.

पढ़े ताजा अपडेट: Newswatchindia.comHindi NewsToday Hindi News, Breaking

यूपी में चीनी मिलों पर कितना बकाया.


चीनी मिलों को बकाए पर कितना ब्याज देना होगा: 2017 से सरकार के खिलाफ कोर्ट में कंटेम्पट है कि जो लंबित भुगतान है उस पर ब्याज देय होना चाहिए. बार बार प्रदेश सरकार की तरफ से हलफनामे दिए गए. 2021 में कोर्ट ने फिर से सरकार को आदेश दिया कि जो चीनी मिलें मुनाफे में हैं वे किसानों को बकाया पर 9 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करें और जो चीनी मिल घाटे में हैं, वे बकाया भुगतान पर 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर के हिसाब से पेमेंट करें.

ये सब अभी सिर्फ कागजों में ही हैं. किसान नेता सविता मलिक कहते हैं कि किसानों पर चाहे बिजली का बकाया हो या बैंक के कृषि कार्ड का बकाया हो या फिर सहकारी समितियों का बकाया हो तो उस पर भी वह ब्याज देता है. गन्ना किसानों को कभी भी संतुष्टी पूर्ण जवाब नहीं मिले.

हालांकी वह कहते हैं किसानों के नेता चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिया गया लेकिन, उनकी रीती-नीति को लागू सरकार कर पाए तो अच्छा हो. सरकार को गन्ना किसानों का भुगतान 14 दिन में कराना सुनिश्चित कराना चाहिए क्योंकि इन्होंने ये कहा है.

गन्ना किसानों की आवाज बुलंद करता रहा है रालोद: गन्ना किसानों के हक में कभी यूपी वेस्ट में अपनी मजबूत पकड़ रखने वाला राष्ट्रीय लोकदल आवाज बुलंद किया करता था. आज वह भी केंद्र और प्रदेश सरकार के साथ है. पार्टी के मुखिया जयंत चौधरी जहां केंद्र सरकार में मंत्री हैं, वहीं प्रदेश सरकार में भी पार्टी के एक विधायक मंत्री हैं. जबकि कई आयोगों में भी पार्टी के नेता अलग-अलग ओहदों पर बैठे हैं.

किसानों की खुशहाली का रास्ता खेत से: रालोद सांसद राजकुमार सांगवान कहते हैं कि किसानों की खुशहाली का रास्ता खेत और खलिहानों से होकर गुजरता है. ये पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह कहते थे. उन्होंने कहा था कि जब तक ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत नहीं होगी, देश खुशहाल नहीं हो सकता. यही सरकार वर्तमान में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कर रही है कि किसान मजबूत बने, आर्थिक रूप से सशक्त बने.

सरकार किसानों के लिए चिंतित: रालोद सांसद राजकुमार सांगवान का कहना है कि गन्ने के उचित मूल्य की जहां तक बात है तो प्रदेश की योगी सरकार किसानों को लेकर चिंतित है कि उनको सही दाम मिले और समय पर भुगतान हो. वह मानते हैं कि प्रदेश में कुछ चीनी मिलें ऐसी हैं, जो किसानों के भुगतान में लेटलतीफी करती हैं, जिनको लेकर सीएम योगी काम कर रहे हैं. उन चीनी मिलों के सुधरने के बाद प्रदेश की स्थिति बेहतर हो जाएगी.

रालोद सांसद सांगवान का कहना है कि पार्टी प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी किसानों के मुद्दों पर गन्ना मूल्य के विषय पर सरकार से समन्वय बनाकर रखे हुए हैं. किसानों की अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए जयंत चौधरी काम कर रहे हैं.

सरकार गन्ना किसानों के दर्द को समझे: किसान नेता राजकुमार करनावल बताते हैं कि खेत में गन्ने का बीज डालने से लेकर शुगर मिल के तौल केंद्र तक सिर्फ किसान खर्च करता है. उसके बाद अपनी रकम का इंतजार करता है. सरकार को इस पर गौर करना चाहिए.

क्या कहते हैं मेरठ मंडल के अधिकारी: मेरठ मंडल के उप गन्ना आयुक्त राजीव राय का कहना है कि अकेले मेरठ मंडल में ही 16 शुगर मिले हैं. इनके अलावा 12 अन्य जिलों की चीनी मिलें भी मंडल के अलग-अलग जिलों से गन्ना खरीदती हैं. ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो मेरठ मंडल के किसानों के 5 हजार 4 सौ 65 करोड़ रुपए मूल्य के गन्ने की आपूर्ति शुगर मिलों ने की है.

अभी तक गन्ना किसानों को शुगर मिलों ने कुल 4 हजार 89 करोड़ रुपए का भुगतान किया है. अभी भी लगभग 1400 करोड़ रुपया बकाया है. बीते सत्र में मेरठ परिक्षेत्र में 5 लाख 30 हजार 606 किसानों ने चीनी मिल सदस्यता को लेकर गन्ने की आपूर्ति की है, हालांकी किसानों की संख्या और भी ज्यादा है. बीते चार साल में नए सदस्य भी काफी संख्या में चीनी और गन्ना समितियों से जुड़े हैं.

मेरठ उप गन्ना आयुक्त का कहना है कि अकेले मेरठ जनपद में ही 36 हजार किसान बढ़े हैं. मेरठ परिक्षेत्र में पेराई सत्र 2024-2025 में गन्ने का क्षेत्रफल 3 लाख हेक्टेयर है. 2024-2025 में मेरठ परिक्षेत्र का गन्ना उत्पादन 3143.36 लाख कुंतल है. इस पेराई सत्र में मेरठ परिक्षेत्र में चीनी मिलों के द्वारा 1495.87 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की गई है. जिससे यहां 153.07 लाख कुंतल चीनी का उत्पादन किया है, वहीं चीनी परता भी 10.23 प्रतिशत है.

मेरठ परिक्षेत्र में 2024-2025 पेराई सत्र में नगलामल चीनी मिल, सिंभावली चीनी मिल, ब्रजनाथपुर चीनी मिल और साबितगढ़ चीनी मिल ने बी-हैवी द्वारा शीरा से एथनॉल का उत्पादन भी किया है. मेरठ परिक्षेत्र में इस सप्ताह तक कुल 5466.10 करोड़ रूपये में से 4089.86 करोड़ का भुगतान मिलें कर पाई हैं.

अफसरों की मानें तो पहले की तुलना में गन्ने के भुगतान में सुधार आया है. वह यह भी मानते हैं कि चीनी मिलों की सीसी लिमिट न होने के कारण भुगतान की समस्या आ रही है. उनसे भी जल्द से जल्द नियमानुसार जल्द भुगतान कराने के लिए कोशिश की जा रही है.

बकाए पर चीनी मिल के अधिकारी के बोले: मेरठ की किनौनी में स्थित बजाज शुगर मिल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट केपी सिंह बताते हैं कि मेरठ और आसपास का क्षेत्र पूर्णतया गन्ने पर आधारित खेती होती है. इस क्षेत्र में 80 से 85 फीसदी किसान गन्ना उगाते हैं.

यानी किसान की जो मुख्य आमदनी का श्रोत है वह गन्ना है. पहले की तुलना में गन्ना किसानों के लिए होने वाले भुगतान में सुधार आया है. कोशिश कर रहे हैं कि अगले पेराई सत्र से पहले पूर्ण बकाए का भुगतान भी करा दिया जाए.

गन्ना आयुक्त का बकाए पर क्या कहना है: गन्ना आयुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बताया है कि प्रदेश की 9 प्राइवेट चीनी मिलों की आरसी काटी गई है. जिसमें बजाज की 6 चीनी मिलें शामिल हैं. एक (कुंदूरकी गोंडा चीनी मिल) पर FIR भी की गई है.

केसर ग्रुप, ओसवाल और मोदी की एक-एक चीनी मिल की आरसी काटी गई है. 77 चीनी मिलों का काफी पेमेंट हो चुका है. 17 चीनी मिलों का 80 से 99% पेमेंट हो गया है. वहीं 20 चीनी मिलों का 70% पेमेंट हो गया है. बजाज ग्रुप की अधिकांश चीनी मिलों का पेमेंट 50% से कम हुआ है.

(लेखक: सवित मालिक, स्वतंत्र पत्रकार और किसान नेता हैं)

Latest ALSO New Update Uttar Pradesh Newsउत्तराखंड की ताज़ा ख़बर

Political News: Find Today’s Latest News on PoliticsPolitical Breaking News, राजनीति समाचार, राजनीति की खबरे from India and around the World on News watch india.

Follow Us: हिंदी समाचारBreaking Hindi News Live  में सबसे पहले पढ़ें News watch indiaपर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट न्यूज वॉच इंडिया न्यूज़ लाइवपर पढ़ें बॉलीवुडलाइफस्टाइल, न्यूज़ और Latest soprt Hindi News, से जुड़ी तमाम ख़बरें  हमारा App डाउनलोड करें। YOUTUBE National। WhatsApp Channels FACEBOOK । INSTAGRAM। WhatsApp Channel। TwitterNEWSWATCHINDIA 24×7 Live TVलाइफस्टाइल, न्यूज़ और Latest soprt Hindi News, से जुड़ी तमाम ख़बरें  हमारा Aopp डाउनलोड करें। YOUTUBE National। WhatsApp Channels FACEBOOK । INSTAGRAM। WhatsApp Channel। TwitterNEWSWATCHINDIA 24×7 Live TV

Savit Malik किसान नेता

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button