Uttar Pradesh News: योगी सरकार का बड़ा फैसला! लोमड़ी और सियार के हमले से मौत पर मिलेगा ₹4 लाख मुआवजा
यूपी सरकार ने राज्य में लोमड़ी और सियार के हमले से होने वाली मौतों को राज्य आपदा घोषित कर दिया है. इस फैसले के तहत प्रभावित परिवारों को 4 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किया जाएगा. इसके साथ ही, 11 अन्य वन्यजीवों के हमले से होने वाली मौतों के लिए भी मुआवजा की व्यवस्था की गई है, जिसमें पीड़ित परिवारों को 4 लाख रुपये दिए जाएंगे. यह घोषणा राज्य में वन्यजीव हमलों से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.
Uttar Pradesh News: योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लाखों परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। जी हां, अब अगर लोमड़ी या सियार के हमले से किसी की मौत होती है, तो उसे ‘राज्य आपदा’ माना जाएगा और पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपये का भारी-भरकम मुआवजा दिया जाएगा!
यह खबर उन लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जो अक्सर जंगली जानवरों के हमलों का शिकार होते रहे हैं। अब तक बाघ, शेर, तेंदुआ, भेड़िया, लकड़बग्घा जैसे बड़े और खूंखार जानवर ही मुआवजा सूची में थे, लेकिन अब इस लिस्ट में लोमड़ी और सियार भी शामिल हो गए हैं। इन्हें ‘मानव-वन्यजीव संघर्ष’ की श्रेणी-2 में रखा गया है।
आपको बता दें कि पहले से ही श्रेणी-1 में शामिल बाघ, शेर, तेंदुआ, भेड़िया, लकड़बग्घा, मगरमच्छ, हाथी, गैंडा और जंगली सुअर के हमलों से मौत होने पर 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है। इस नए फैसले के साथ, अब कुल 11 वन्यजीव ऐसे हैं, जिनके हमले से हुई मौत पर सरकार मदद का हाथ बढ़ाएगी।
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हालांकि, एक और महत्वपूर्ण सिफारिश पर अभी फैसला नहीं हो पाया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने मधुमक्खी के हमलों से होने वाली मौत को भी राज्य आपदा में शामिल करने की सिफारिश की थी। लेकिन, सरकार ने वन विभाग से यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या मधुमक्खी को वास्तव में ‘वन्यजीव’ माना जा सकता है! वहीं, इमारतों से गिरने जैसी घटनाओं को राज्य आपदा घोषित करने के प्रस्ताव को फिलहाल खारिज कर दिया गया है।
सरकार का यह कदम क्यों है खास?
यह फैसला केवल मुआवजे तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में मानव-वन्यजीव संघर्ष को कितनी गंभीरता से ले रही है। यह उन गरीब और कमजोर परिवारों के लिए एक बड़ी ढाल है, जिनके लिए अचानक आई ऐसी आपदाएं जीवनभर का बोझ बन जाती हैं।
याद रहे, उत्तर प्रदेश सरकार पहले से ही कई अन्य घटनाओं को राज्य आपदा घोषित कर चुकी है, जिनमें बेमौसम बारिश, बिजली गिरना, तूफान, लू, नाव दुर्घटनाएं, सांप का काटना, सीवर सफाई से जुड़ी दुर्घटनाएं, बोरवेल में गिरना, पानी में डूबना, और यहां तक कि सांड व नीलगाय के हमले भी शामिल हैं। यह दर्शाता है कि सरकार आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में लगातार संवेदनशील और सक्रिय भूमिका निभा रही है।
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