Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है। जहां सुबह और शाम की ठंड ने प्रदेशवासियों को सर्दी का अहसास कराना शुरू कर दिया है, वहीं दिन के समय लोग गुनगुनी धूप का आनंद ले रहे हैं। मौसम विभाग ने आज प्रदेश के पांच पर्वतीय जिलों में बारिश का पूर्वानुमान जताया है, जबकि देहरादून में कुहासा लोगों की परेशानियों को बढ़ा सकता है।
पर्वतीय जिलों में बारिश का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में कहीं-कहीं गरज के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है। इससे इन क्षेत्रों में किसानों और ग्रामीणों को राहत मिलेगी, क्योंकि बारिश की पानी फसलों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। हालांकि, अन्य जिलों में मौसम सामान्यतः शुष्क रहने का अनुमान है, जिससे वहां के निवासियों को अधिक परेशानी नहीं होगी।
देहरादून में कुहासा का प्रभाव
राजधानी देहरादून में आज सुबह कुहासा छाए रहने की संभावना है। इस मौसम में कुहासा, लोगों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है, खासकर सुबह और शाम के समय। जबकि आसमान में मुख्यतः साफ रहने और आंशिक रूप से बादल छाए रहने की भी उम्मीद जताई गई है। अधिकतम तापमान लगभग 30°C और न्यूनतम तापमान 17°C के आसपास रहने की संभावना है।
सुबह और शाम में ठंड का अहसास
गौरतलब है कि उत्तराखंड के कई जिलों में हल्के बादल के बीच धूप और छांव का सिलसिला जारी है। पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम में बदलाव के बाद से लोगों ने गर्म कपड़े निकालने शुरू कर दिए हैं। पिछले कुछ दिनों में तापमान में काफी अंतर देखा जा रहा है, जिससे सुबह, शाम और रात को हल्की ठिठुरन पड़ने लगी है।
इस बीच, प्रदेश के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हाल ही में बर्फबारी हुई है, जिसके कारण निचले इलाकों में तापमान में गिरावट आई है। हालांकि, मैदानी क्षेत्रों में दिन के समय धूप खिलने से गर्मी का अहसास हो रहा है, जिससे लोगों को दिन के समय ठंड का अनुभव कम हो रहा है
अगले दिनों में मौसम की संभावना
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले दिनों में भी उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश की संभावना बनी रहेगी। ऐसे में, राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और मौसम के प्रति जागरूक रहने की सलाह दी है। साथ ही, किसानों को भी सलाह दी गई है कि वे अपने फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करें, ताकि बारिश से उनकी फसलों को कोई नुकसान न पहुंचे।