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Uttarakhand’s Heli Ambulance Service: उत्तराखंड की हेली एंबुलेंस सेवा: पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाओं का नया युग

Uttarakhand's Heli Ambulance Service: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अक्टूबर को एम्स ऋषिकेश में हेली एंबुलेंस सेवा का शुभारंभ किया था। इस सुविधा का लाभ अब मरीजों को मिलने लगा है। हाल ही में एक गर्भवती महिला को गंभीर स्थिति में उत्तरकाशी से हेली एंबुलेंस के माध्यम से एम्स ऋषिकेश लाया गया, जहां डॉक्टरों ने तुरंत इलाज कर उसकी जान बचाई। इस पहल से पहाड़ी क्षेत्रों में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की एक नई उम्मीद जगी है।

Uttarakhand’s Heli Ambulance Service: ऋषिकेश: उत्तराखंड के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं अक्सर चुनौतीपूर्ण रही हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई हेली एंबुलेंस सेवा अब एक वरदान साबित हो रही है। रविवार को पहली बार, इस सेवा के माध्यम से एक गर्भवती महिला को उत्तरकाशी से एम्स ऋषिकेश लाया गया, जिससे इस महत्वपूर्ण सेवा की उपयोगिता और महत्व स्पष्ट हो गया।

आपातकाल में गर्भवती महिला को एयरलिफ्ट किया गया

उत्तरकाशी की एक गर्भवती महिला की हालत गंभीर होने के कारण, सड़क मार्ग से ऋषिकेश ले जाना जोखिम भरा था। उत्तरकाशी से एम्स ऋषिकेश की दूरी 160 किलोमीटर से अधिक है और सड़क मार्ग से यह यात्रा लगभग 8 से 9 घंटे की होती है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और लंबे समय के कारण, यह महिला और उसके होने वाले शिशु के लिए खतरनाक हो सकता था। इस स्थिति में प्रशासन ने एम्स ऋषिकेश से हेली एंबुलेंस सेवा का उपयोग करने का आग्रह किया।

हेली एंबुलेंस से त्वरित चिकित्सा सहायता

एम्स ऋषिकेश की हेली एंबुलेंस सेवा ने तत्परता दिखाते हुए महिला को उत्तरकाशी से एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश पहुंचाया। यहां पहुंचने के बाद, महिला को तुरंत चिकित्सा देखरेख में लिया गया। इस सफल ऑपरेशन ने यह साबित कर दिया है कि पहाड़ों में रहने वाले लोगों के लिए यह सेवा कितनी महत्वपूर्ण है।

This will not only help save lives but will also enable people living in remote areas to get quality medical care.

हेली एंबुलेंस सेवा का शुभारंभ

29 अक्टूबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली एम्स ऋषिकेश से हेली एंबुलेंस सेवा का शुभारंभ किया था। यह सेवा “संजीवनी योजना” के अंतर्गत शुरू की गई है और इसका उद्देश्य उत्तराखंड के दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आपातकालीन चिकित्सा सुविधा प्रदान करना है। यह सेवा विशेष रूप से उत्तराखंड के 11 पहाड़ी जिलों के लिए वरदान साबित होगी, जहां स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंच पाना अक्सर मुश्किल होता है।

पूरी तरह से नि:शुल्क सेवा

संजीवनी योजना के तहत शुरू की गई हेली एंबुलेंस सेवा पूरी तरह से नि:शुल्क है। इसका लाभ उत्तराखंड के सभी 13 जिलों को मिलेगा, लेकिन विशेष रूप से पर्वतीय जिलों में यह अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो रही है। आपदा और दुर्घटनाओं के दौरान भी यह सेवा तत्काल चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करेगी।

देश में पहली बार एम्स ऋषिकेश ने की पहल

एम्स ऋषिकेश देश का पहला ऐसा संस्थान बन गया है जिसने हेली एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की है। यह कदम न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल है। इससे न केवल जीवन बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी।

हेली एंबुलेंस: जीवन रक्षक सेवा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पहल उत्तराखंड के स्वास्थ्य ढांचे में एक क्रांतिकारी बदलाव का संकेत देती है। पहाड़ों में रहने वाले लोग अब मेडिकल आपातकाल की स्थिति में सुरक्षित और तेज़ चिकित्सा सहायता पा सकेंगे। हेली एंबुलेंस सेवा एक ऐसी आशा है जो स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाई पर ले जा रही है।

यह सेवा केवल चिकित्सा के क्षेत्र में एक तकनीकी नवाचार नहीं है, बल्कि यह मानवता की सेवा का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। उत्तराखंड के पहाड़ों में अब जीवन को बचाने के नए दरवाजे खुल गए हैं।

Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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