Uttrakhand Kisan: उत्तराखंड में मौसम ने लिया करवट, पहाड़ों में बर्फबारी, निचले इलाकों में हल्की ठंड, किसानों के लिए फसल काटने का उचित समय
Weather has changed in Uttarakhand, snowfall in the mountains, mild cold in the lower areas, suitable time for farmers to harvest crops
Uttrakhand Kisan: उत्तराखंड में मौसम धीरे-धीरे बदलने लगा है। पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो चुकी है, वहीं निचले इलाकों में सुबह और रात के समय हल्की ठंड का एहसास हो रहा है। राज्य की राजधानी देहरादून में भी दोपहर के समय आसमान में हल्के बादल छाए रहते हैं, जिससे धूप-छांव का खेल जारी है। इस बदलाव के बीच, मौसम विज्ञान केंद्र ने राज्य के किसानों के लिए महत्वपूर्ण मौसम पूर्वानुमान जारी किया है।
प्रदेश में शुष्क रहेगा मौसम
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तराखंड में इस पूरे सप्ताह मौसम शुष्क रहने की संभावना है। इस शुष्क मौसम का सीधा फायदा प्रदेश के किसानों को मिलेगा, जो इस समय अपनी बोई हुई फसलों की कटाई कर सकते हैं। मौसम विभाग के निदेशक डॉ. विक्रम सिंह ने अपने पूर्वानुमान में बताया है कि आने वाले एक हफ्ते तक राज्य के किसी भी हिस्से में बारिश की संभावना नहीं है। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि यह समय फसल काटने और उन्हें भंडारण के लिए तैयार करने का सबसे उपयुक्त अवसर है।
अक्टूबर में बारिश की भारी कमी
मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार, 1 अक्टूबर से पोस्ट-मानसून सीजन शुरू हो चुका है। हालांकि, अक्टूबर के 19 दिनों में जितनी बारिश की संभावना थी, उसमें 93% की कमी दर्ज की गई है। आमतौर पर जब मानसून की विदाई होती है, तब अक्टूबर के शुरुआती दिनों में कुछ बारिश होती है, लेकिन इस साल ऐसा नहीं हुआ है। बारिश की इस कमी ने तापमान को सामान्य से अधिक बनाए रखा है, जिससे राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में हल्की ठंड महसूस की जा रही है।
किसानों के लिए राहतभरा समय
मौसम विभाग के निदेशक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि आने वाले सप्ताह में तापमान सामान्य से कम रहने की कोई संभावना नहीं है। मानसून की विदाई के बाद बारिश की गतिविधियां कम हो जाती हैं, और इस समय को किसान अपने खेतों में खड़ी फसलों की कटाई के लिए उपयुक्त मान सकते हैं। इस मौसम में फसलों को कटाई के बाद सही तरीके से सुखाया जा सकता है, जिससे उनका लंबे समय तक भंडारण करना आसान हो जाएगा।
किसानों के लिए यह मौसम राहत का समय लेकर आया है, क्योंकि इस दौरान शुष्क मौसम में कटाई और फसल की सुरक्षा का बेहतर प्रबंध किया जा सकता है। यह समय उनके लिए आर्थिक रूप से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अच्छी तरह से काटी और सुरक्षित की गई फसलें लंबे समय तक टिकती हैं और उनके मुनाफे को सुनिश्चित करती हैं।
बढ़े तापमान से भी बढ़ी चुनौतियां
हालांकि बारिश की कमी ने फसलों की कटाई के लिए अनुकूल स्थिति बनाई है, लेकिन इससे तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि तापमान इसी तरह बढ़ा रहा तो आने वाले समय में कुछ फसलों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसी वजह से किसानों को मौसम की गतिविधियों पर नजर रखते हुए फसल कटाई की प्रक्रिया को समय पर पूरा करने की सलाह दी जा रही है।
शुष्क मौसम का मतलब कम बारिश और अधिक ठंड
शुष्क मौसम का असर न केवल किसानों पर बल्कि आम लोगों पर भी पड़ रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के साथ ठंड ने दस्तक दे दी है, जबकि निचले क्षेत्रों में सुबह और रात में ठंड का असर बढ़ने लगा है। दिन के समय हल्के बादल और ठंडी हवाएं लोगों को गर्म कपड़े पहनने के लिए मजबूर कर रही हैं।
उत्तराखंड में इस बदलते मौसम के बीच किसानों को फसल कटाई के लिए अनुकूल समय मिल गया है, और आम जनजीवन भी धीरे-धीरे सर्दियों के आगमन की तैयारियों में जुट गया है।