भए प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी।
हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी॥
लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी।भूषन बनमाला नयन बिसाला सोभासिंधु खरारी॥
धर्म के साक्षात स्वरूप, सत्य, सनातन और सदाचार के श्रेष्ठतम प्रतीक, सकल आस्था के केंद्र प्रभु श्री राम की कृपा चराचर जगत पर बनी रहे
सबके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो, 'कौशल्यानंदन' से यही प्रार्थना है।
सकल सौभाग्यप्रद सर्वतोभद्र-निधि, सर्व, सर्वेश, सर्वाभिरामं।
शर्व-हृदि-कंज-मकरंद-मधुकर रुचिर-रूप, भूपालमणि नौमि रामं॥