Karwa chauth 2024: करवा चौथ के पावन पर्व पर रामप्रस्थ सोसाइटी में सजी सुहागिनों ने चांद को दिया अर्घ्य, मांगा पति की लंबी आयु का आशीर्वाद
On the holy festival of Karva Chauth, the brides dressed in Ramprastha Society offered Arghya to the moon, sought blessings for the long life of their husbands.
Karwa chauth 2024: रामप्रस्थ सोसाइटी में करवा चौथ का पावन पर्व पूरे रीति-रिवाजों और उमंग के साथ मनाया गया। माँ दुर्गा मंदिर में सुबह से ही सुहागिन महिलाओं की भीड़ जुटी रही, जो अपने सुहाग की लंबी आयु और समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखकर माँ करवा से आशीर्वाद प्राप्त करने आई थीं।
पारंपरिक परिधानों में सजी-धजी महिलाओं ने करवा माता की विधिपूर्वक पूजा की और करवा चौथ की कथा को ध्यानपूर्वक सुना। कथा सुनते समय सोसाइटी के मंदिर प्रांगण में एक अलग ही उत्साह देखने को मिला, जहां महिलाएं एक-दूसरे के साथ अपने अनुभव साझा कर रही थीं। करवा चौथ की कथा के अनुसार, इस व्रत का महत्व केवल पति की लंबी उम्र तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह सुहागिनों के आपसी संबंधों को भी मजबूती देता है। शाम होते ही महिलाओं ने सजाए हुए करवा और पूजा की थालियों के साथ मंदिर परिसर में एकत्रित होकर चांद का इंतजार किया। जैसे ही रात में चांद की पहली किरण नजर आई, महिलाएं चांद के दर्शन करते हुए अर्घ्य अर्पित करने लगीं। व्रत के इस पावन अवसर पर सभी महिलाओं ने एक स्वर में अपने पति के लिए दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना की।
रामप्रस्थ सोसाइटी की महिलाओं ने इस पर्व को एक सामूहिक उत्सव के रूप में मनाया, जहां आपसी मेलजोल और समर्पण की भावना दिखी। पूजा समाप्त होने के बाद, सुहागिनों ने एक-दूसरे को करवा की थाली और उपहार भेंट किए। इस दौरान सोसाइटी का माहौल प्रेम, समर्पण और एकजुटता से सराबोर रहा। करवा चौथ के इस अवसर पर रामप्रस्थ सोसाइटी ने यह सिद्ध कर दिया कि प्राचीन परंपराओं का महत्व आज भी उतना ही जीवंत और सजीव है। सुहागिनों के इस निर्जला व्रत में जितनी शक्ति और आस्था होती है, वह उनके पति के प्रति अटूट प्रेम और समर्पण को दर्शाती है।