नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी मैराथन मीटिंग में शामिल होने के लिए यूरोप पहुंच गए हैं। पीएम मोदी अपने पहले पड़ाव पर जर्मनी पहुंच चुके हैं, इसके बाद वो फ्रांस और डेनमार्क की यात्रा पर भी जाएंगे। पीएम मोदी की ये यात्रा कई मायने में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 2 से 4 मई तक चलने वाली पीएम मोदी की इस यात्रा पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के परिपेक्ष्य में पीएम मोदी का ये दौरा कूटनीतिक लिहाज से टर्निंग प्वांइट साबित हो सकता है। कुल 65 घंटों की इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी 25 मीटिंग्स में शामिल होंगे और 8 वैश्विक नेताओं से मुलाकात करेंगे।
इन 25 मीटिंग्स में कुछ द्विपक्षीय वार्ता से संबंधित, कुछ बिजनेस से संबंधित और कुछ कूटनीतिक रणनीति से संबंधित होंगी। इसके अलावा पीएम मोदी इन तीन देशों में रह रहे भारतीय प्रवासियों और व्यापारियों से भी मिलेंगे। जर्मनी और डेनमार्क के बाद पीएम मोदी आखिर में फ्रांस पहुंच कर वहां के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इमैनुए मैक्रों से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी जर्मनी में छठे भारत-जर्मनी इंटर गर्वमेंटल कंसल्टेशन की अध्यक्षता करेंगे जबकि डेनमार्क में वो दूसरे भारत-नॉर्डिक समिट में शिरकत करेंगे।
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पीएम मोदी की 2022 में ये पहली विदेश यात्रा है। पीएम मोदी अपनी इस यात्रा के दौरान यूरोप के अहम देशों में पहुंच कर रूस-युक्रेन युद्ध के मामले में उन्हे भारत के रूख से अवगत कराएंगे। ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम मोदी इस दौरान रूस-युक्रेन के बीच संघर्ष विराम के लिए अपने कुछ फॉर्मूले पर भी चर्चा करेंगे। सूत्रों की माने तो अगर मोदी के प्रस्ताव के बाद रूस-युक्रेन के बीच शांति समझौता हो जाता है तो विश्व पटल पर भारत को एक नई पहचान मिल सकती है।