Sawan Putrada Ekadashi 2023: हिंदू पंचांग में सावन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को श्रावण पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से संतान प्राप्ति होती है।
बता दें सनातन धर्म के मुताबिक कुल मिलाकर पूरे वर्ष में 24 एकादशी होती है और सभी एकादशी का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, एकादशी के दिन व्रत रखने से मुनष्य की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है.
जानकारी के मुताबिक बता इन 24 एकादशी में एक पुत्रदा एकादशी भी होती है। कहा जाता है श्रावण मास में पुत्रदा एकदाशी के दिन जो व्रत रखता हैं उसे संतान प्राप्ति होती है। बता दें एक वर्ष में 2 पुत्रदा एकादशी आती है। पहला पौष में और दूसरा सावन महीने में ।
जिसे श्रावण पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इसे पवित्रा एकादशी भी कहते हैं। तो आइए आज आपको इस लेख के द्वारा बताते हैं कि श्रावण महीने की पुत्रदा एकदाशी का क्या है महत्व. और कब है पुत्रदा एकदाशी साथ ही जानें शुभ मुहूर्त
सावन माह की पुत्रदा एकदाशी कब है (Sawan Putrada Ekadashi 2022 Date)
आपको बता दें 27 अगस्त 2023 कों श्रावण पुत्रदा एकदाशी का व्रत रखा जाएगा और ये व्रत रक्षाबंधन से 4 दिन पहले रखा जाता है। जिन दांपत्तियों को पुत्र की प्राप्ति नहीं होती । उसने लिए पुत्रदा एकदाशी का बेहद महत्वपूर्ण व्रत होता है।
कब है पुत्रदा एकदाशी का शुभ मुहूर्त (Sawan Putrada Ekadashi 2023 Muhurat)
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हिंदू केलेंडर के मुताबिक 27 अगस्त को सावन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी का आरंभ प्रात: 12 बजकर 08 मिनट पर होगा और इसी दिन रात 09 बजकर 32 मिनट समापन होगा।
पुत्रदा एकदाशी का महत्व क्या है?
धार्मिक ग्रंथों की मानें तो, श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्र की इच्छा रखने वालों को विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करना चाहिए और व्रत रखना चाहिए। इस व्रत को रखने से ग्रह दोषों से भी मुक्ति मिलती है और पूर्वजों के आशीर्वाद की भी प्राप्ति होती है। यह व्रत निर्जला किया जाता है और रात्रि के समय भक्ती भजन भी किया जाता है और फिर अगले दिन व्रत का पारण होता है।