Rahul Gandhi Hathras Visit: राहुल गांधी शुक्रवार की सुबह हाथरस पहुंचे और भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों मुलाकात की। उन्होंने पीड़ितों से वादा किया कि उन्हें न्याय मिलेगा और इस मामले को संसद में उठाया जाएगा।
कांग्रेस (congress) भले ही देश की सत्ता में वापसी करने में कामयाब न रही हो, लेकिन कांग्रेस पार्टी (congress party) लोकसभा (loksabha election) में 99 सीटों के साथ अपनी जीत के बाद आशावादी बनी हुई है। पहली बार विपक्ष के नेता की भूमिका निभा रहे राहुल गांधी संसद से लेकर सड़क तक हर जगह दिखाई दे रहे हैं। मोदी प्रशासन की आलोचना में उनकी एक अलग धार दिख रही है। वे आम जनता और युवाओं से जुड़े मुद्दों जैसे कि महंगाई, अग्निवीर और पेपर लीक पर लगातार प्रशासन को घेरते रहते हैं। संसद में उनका बेहद आक्रामक तेवर दिखा। ये बात अलग है कि सरकार उन पर भ्रामक दावों के जरिए जनता को गुमराह करने का आरोप लगा रही है। लोकसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित राहुल गांधी रुकना नहीं चाहते। शुक्रवार सुबह-सुबह वह हाथरस पहुंचे। रास्ते में अलीगढ़ के पिलखना गांव में पहुंचकर हाथरस भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की। उनके जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश की। उसके बाद वह हाथरस पहुंचे और पीड़ित परिवारों से उनका दर्द जाना।
हाथरस ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को एक अलग ही रूप में देखा गया। एक ऐसे राजनेता का रूप जो संवेदनशील है। एक ऐसा नेता जिस पर पीड़ित अपने आंसू बहा सकते हैं। एक ऐसा नेता जिसके साथ कोई गले मिल सकता है और अपना दुख साझा कर सकता है। पीड़ितों ने राहुल गांधी से अपना दर्द बयां किया। हाथरस कांड (Hathras case) के डरावने मंजर को याद किया। एक पीड़िता ने बताया कि कैसे उसकी बेटी दूसरी बेटी की गोद में दर्द से तड़पती हुई मर गई। राहुल गांधी ने एक-एक करके पीड़ितों की पीड़ा सुनी। उन्होंने उनकी मदद करने का वादा किया। उन्होंने इस मामले को संसद में उठाने का वादा किया।
स्वयंभू बाबा के नेतृत्व में आयोजित सत्संग में भगदड़ में 123 से अधिक लोग मारे गए थे। जिस पर राहुल गांधी (rahul gandhi) ने कहा, “कई परिवार प्रभावित हुए हैं और कई की मौत हो गई है।” मैं इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहता। व्यवस्था सही नहीं है। यह देखते हुए कि ये परिवार कितने गरीब हैं, मेरा मानना है कि इन व्यक्तियों को अधिक भुगतान किया जाना चाहिए। मैं उदार हृदय से चाहता हूं कि यूपी के सीएम मुआवजा दें। उन्हें जल्द से जल्द अतिरिक्त मुआवजा मिलना चाहिए क्योंकि उन्हें इसकी जरूरत है। परिवारों के मुताबिक, पुलिस व्यवस्था ठीक नही थी।
आपको बता दें हाथरस कांड (hathras case) में पुलिस ने अब तक छह संदिग्धों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने बाबा के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर को मुख्य आरोपी बनाया है और फिलहाल वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस ने उसके ऊपर 1 लाख रुपये के इनाम का ऐलान कर रखा है। इस बीच स्वयंभू बाबा के वकील एपी सिंह का दावा है कि मधुकर का इलाज चल रहा है। पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें नारायण साकार हरि का नाम तक नहीं है। हादसे के बाद से बाबा भी भूमिगत हो गया है। हालांकि, यूपी पुलिस के एक बड़े अफसर कह चुके हैं कि अगर जांच के दौरान जरूरत पड़ी तब बाबा से पूछताछ की जाएगी।