KC Tyagi Resignation News: जनता दल यूनाइटेड (JDU) नेता केसी त्यागी ने पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ( National Spokesperson) के पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी ने राजीव रंजन प्रसाद को नया राष्ट्रीय प्रवक्ता (National Spokesperson) नियुक्त किया है। त्यागी के इस्तीफे का कारण व्यक्तिगत बताया गया, लेकिन उनके बेबाक बयानों से पार्टी की नाराजगी भी एक कारण है।
जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है। उनकी जगह राजीव रंजन को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। केसी त्यागी ने नीतीश कुमार और JDU के लिए हमेशा से अहम भूमिका निभाई है। पार्टी में किसी भी नेता का राज रहा हो, त्यागी हमेशा से ही मुख्य टीम का हिस्सा रहे हैं। उनके इस्तीफे के पीछे कई कयास लगाए जा रहे हैं।
केसी त्यागी पड़ा भारी
कहा जा रहा है कि केसी त्यागी का दिल्ली में रहकर हर मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखना उन्हें महंगा पड़ गया। खबरों के मुताबिक, उनके शब्दों से पता चलता है कि केंद्र और बिहार में एनडीए सरकार का नेतृत्व कर रही जेडीयू और बीजेपी के विचार एक-दूसरे से अलग हैं।इससे BJP नाखुश थी। बीजेपी ने कई बार इशारों में अपने सहयोगी दलों से तालमेल बनाए रखने को कहा था। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और केंद्रीय मंत्री संजय झा ने हाल ही में केसी त्यागी से मुलाकात की और उनसे राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से इस्तीफा देने का अनुरोध किया।
इसलिए दिया इस्तीफा
हालांकि, पार्टी की प्रेस रिलीज में कहा गया है कि केसी त्यागी ने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है। केसी त्यागी JDU के विशेष सलाहकार भी हैं, लेकिन उन्होंने इस पद से इस्तीफा दिया है या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
पार्टी लाइन से अलग होकर बयानबाजी कर रहे थे केसी त्यागी
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि केसी त्यागी (kc tyagi) ने कई मुद्दों पर पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी की थी, फिर चाहे केंद्र सरकार (central government) की विदेश नीति हो, UPSC में लेटरल एंट्री, SC-ST आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट (supreme court) का फैसला। उन्होंने अपने विचारों को पार्टी के रुख के रूप में प्रस्तुत किया, जिससे पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा।
त्यागी ने इजरायल मुद्दे पर इंडिया गठबंधन का दिया था साथ
इतना ही नहीं, केसी त्यागी ने हाल ही में इजरायल को हथियार भेजने से रोकने के विपक्षी दलों के प्रयासों का समर्थन किया था। उन्होंने विपक्षी नेताओं के साथ एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर भी किए थे। इस बयान में कहा गया था कि केंद्र सरकार को इजरायल को हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति पर रोक लगानी चाहिए। बयान के अनुसार, “इज़राइल का जारी क्रूर हमला न केवल मानवता का अपमान है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय कानून और न्याय एवं शांति के सिद्धांतों का भी घोर उल्लंघन है।”