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World Environment Day 2024: 5 जून क्यों है खास, विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास और महत्व

World Environment Day 2024: आज पूरी दुनिया में लोग विश्व पर्यावरण दिवस (world Environment Day ) मना रहे हैं। कई राजनीतिक और सामाजिक पहल की योजना बनाई जा रही है। भारत हमेशा से पर्यावरण की रक्षा के लिए दुनिया भर में किए जा रहे प्रयासों में शामिल रहा है। इसके अलावा भारत ने ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण समझौतों की पुष्टि की है। हमारे महापुरुषों ने न केवल आज बल्कि सदियों से पर्यावरण संरक्षण के कई अभियान चलाए हैं। इसके अलावा, उन्होंने जागरूकता भी फैलाई है। इन दिनों, जमीन, पानी और जंगल सहित सब कुछ नष्ट हो रहा है। नदियाँ बहना बंद हो रही हैं। इसके अलावा, किसानों की जोत कम होती जा रही है। बारिश उतनी नहीं हो रही है, प्रकृति में असंतुलन का परिणाम है। कहीं इतनी बारिश होती है कि बाढ़ आ जाती है और कहीं बारिश न होने की वजह से सूखा पड़ जाता है।

पर्यावरण का मतलब है वह संपूर्ण प्राकृतिक परिवेश जिसमें हम रहते हैं। इसमें हमारे आस-पास के सभी सजीव और निर्जीव तत्व शामिल हैं, जैसे हवा, पानी, मिट्टी, पौधे, जानवर और अन्य जीवित जीव। पर्यावरण के घटक एक दूसरे के साथ मिलकर एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र बनाते हैं।

हालांकि, मानव जीवन शैली के लिए प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग और दोहन पर्यावरण के प्रदूषण का कारण बन रहा है। दूषित पर्यावरण का जीवन के लिए आवश्यक तत्वों पर प्रभाव पड़ता है। इसी के मद्देनजर, पर्यावरण संबंधी मुद्दों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने और प्राकृतिक दुनिया के मूल्य को उजागर करने के उद्देश्य से हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।

कब है विश्व पर्यावरण दिवस

जून वह महीना है जिस दिन दुनिया हर साल विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day ) मनाती है। यह खास दिन एक तय तारीख को मनाया जाएगा। भारत समेत दुनिया का हर देश 5 जून को पर्यावरण दिवस के रूप में मनाता है। इस अवसर पर विभिन्न देश अपने नागरिकों के लिए अलग-अलग तरीकों से पर्यावरण जागरूकता अभियान चलाते हैं।

पर्यावरण दिवस का इतिहास

Environment Day मनाने की शुरुआत 1972 में की गई थी , जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने पहला Environment Day मनाया है और हर वर्ष इस दिन को मनाने की घोषणा की गई।

इस दिन ही क्यों मनाया जाता है पर्यावरण दिवस

दरअसल, 5 जून 1972 को आयोजित पहले पर्यावरण सम्मेलन में 119 देशों ने भाग लिया था। स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम ने इस सम्मेलन की मेजबानी की थी। 5 जून को, मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन के पहले दिन, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसे पर्यावरण दिवस के रूप में घोषित किया।

पर्यावरण दिवस का महत्व

भारत समेत पूरी दुनिया में प्रदूषण में जबरदस्त वृद्धि देखी जा रही है। प्रदूषण की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है, जिससे प्राकृतिक दुनिया खतरे में पड़ रही है। किसी भी जीव के जीवित रहने के लिए जो कुछ भी आवश्यक है, वह प्रकृति में ही पाया जाता है। अगर प्रकृति प्रभावित होगी तो जीवन भी प्रभावित होगा। पर्यावरण दिवस की स्थापना का उद्देश्य पर्यावरण को प्रदूषण से बचाना था। इस दिन लोगों को पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए प्रेरित किया जाता है और इसके प्रति जागरूक किया जाता है।

पर्यावरण दिवस की थीम 2024

हर साल विश्व पर्यावरण दिवस के लिए एक थीम होती है। पिछले साल विश्व पर्यावरण दिवस 2023 की थीम “Solutions to Plastic Pollution” थी। विश्व पर्यावरण दिवस की थीम  इस साल यानी 2024 की थीम “Land Restoration, Desertification And Drought Resilience” है। “हमारी भूमि” टैगलाइन के तहत, यह विषय सूखे, मरुस्थलीकरण और भूमि बहाली पर केंद्रित है।

Prachi Chaudhary

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