BlogSliderTo The Pointउत्तराखंडट्रेंडिंगन्यूज़

World Animal Day 2024: उत्तराखंड में 27 हजार से अधिक निराश्रित गौवंश, देखभाल के लिए सरकार और सामाजिक संगठनों की कोशिशें जारी

World Animal Day 2024: More than 27 thousand destitute cows in Uttarakhand, efforts of government and social organizations continue to take care

World Animal Day 2024: हर साल 4 अक्टूबर को विश्व पशु दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को पशुओं के प्रति करुणा, बेहतर व्यवहार और उनके कल्याण के प्रति जागरूक करना है। लेकिन, उत्तराखंड राज्य में पशु कल्याण की स्थिति चिंताजनक है। सड़कों पर भटकते और बेसहारा गौवंश न केवल दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं, बल्कि खुद भी अपनी जान गंवा रहे हैं। प्रदेश में करीब साढ़े 27 हजार गौवंश निराश्रित हैं, जिन्हें देखभाल और संरक्षण की सख्त जरूरत है।

प्रदेश में निराश्रित गौवंश की स्थिति

उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में हजारों निराश्रित गौवंश सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर भटकते हुए देखे जा सकते हैं। ये गौवंश अक्सर सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं और इसके चलते कई बार जानलेवा हादसे भी हो जाते हैं। सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में करीब साढ़े 27 हजार गौवंश ऐसे हैं, जिनके पास कोई स्थायी ठिकाना नहीं है। राज्य के विभिन्न जिलों में गौशालाओं की कमी और मौजूदा गौशालाओं की अव्यवस्था के चलते ये पशु सड़कों पर भटकने को मजबूर हैं।

गौवंश की देखभाल के लिए सरकार का प्रयास: बन रहे हैं 70 गौ सदन

उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में निराश्रित गौवंश की समस्या का समाधान निकालने के लिए एक व्यापक योजना बनाई है। पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा के अनुसार, राज्य सरकार ने गौवंश संरक्षण के लिए एक विशेष नीति तैयार की है। इसके तहत प्रदेशभर में 70 गौ सदन बनाए जा रहे हैं। सरकार ने गौशाला निर्माण के लिए 17 करोड़ रुपये जारी किए हैं और काम लगभग 50 प्रतिशत पूरा हो चुका है। सरकार की योजना है कि इन गौ सदनों के तैयार होते ही सभी निराश्रित गौवंश को यहां स्थानांतरित किया जाएगा, ताकि उन्हें एक स्थायी आश्रय मिल सके।

गौशालाओं के निर्माण में तेजी:

गौ सदनों के निर्माण की योजना के तहत राज्य के सभी जिलाधिकारियों को यह अधिकार दिया गया है कि वे किसी भी सरकारी भूमि को गौशाला बनाने के लिए ट्रांसफर कर सकते हैं। राज्य में गौशालाओं की संख्या बढ़ाने के लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) पहले ही तैयार हो चुकी है और गौशाला निर्माण का कार्य तेजी से प्रगति कर रहा है। खटीमा क्षेत्र में एक गौशाला पहले ही बनकर तैयार हो चुकी है, जिसमें करीब 1,000 निराश्रित गौवंश को रखा गया है। हालांकि, हाल ही में बाढ़ के चलते इस गौशाला को नुकसान हुआ है, लेकिन सरकार जल्द ही इसके लिए एक वैकल्पिक स्थान तैयार कर रही है।

दून एनिमल वेलफेयर सोसाइटी का सराहनीय प्रयास

देहरादून स्थित दून एनिमल वेलफेयर सोसाइटी पिछले आठ वर्षों से निराश्रित पशुओं की देखभाल और उपचार के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। इस सोसाइटी के फाउंडर आशु अरोड़ा ने बताया कि उन्होंने अब तक 70,000 से 80,000 स्ट्रीट जानवरों का इलाज किया है, जिसमें करीब साढ़े चार हजार बड़े जानवर भी शामिल हैं। उनके शेल्टर में गाय, बैल, घोड़ा, खरगोश और कुत्ते समेत अन्य 2,000 से अधिक जानवर रह रहे हैं। आशु अरोड़ा ने बताया कि पशुओं के इलाज और उनकी देखभाल के लिए वेटरनरी डॉक्टर की टीम हमेशा तैयार रहती है और घायल जानवरों की सूचना मिलते ही तुरंत टीम मौके पर पहुंचती है।

क्रूरता के बढ़ते मामले:

उत्तराखंड में निराश्रित गौवंश और अन्य पशुओं के साथ क्रूरता के कई मामले भी सामने आ रहे हैं। हाल ही में देहरादून के माजरी इलाके से एक गंभीर घटना सामने आई, जिसमें एक गाय और उसके बछड़े पर खेत मालिक ने तेजाब डाल दिया। इससे गाय बुरी तरह जल गई और बछड़ा भी घायल हो गया। इसके अलावा, बड़ोंवाला क्षेत्र में भी एक खाली प्लॉट में रह रही तीन गायों की झोपड़ी में आग लगा दी गई थी, जिससे एक गाय की मौके पर ही मौत हो गई और दो गर्भवती गायों की इलाज के दौरान मौत हो गई। ऐसे क्रूरता के मामले पशुओं की दयनीय स्थिति को उजागर करते हैं और समाज को उनके प्रति अधिक संवेदनशील होने की आवश्यकता को दर्शाते हैं।

पशुपालन मंत्री की अपील:

विश्व पशु दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने राज्य की जनता से अपील की कि वे जानवरों के प्रति करुणा और सहानुभूति रखें। उन्होंने कहा कि पशु भी हमारे इको-सिस्टम का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उनके कल्याण के लिए हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए। राज्य सरकार ने निराश्रित गौवंश के लिए जो पॉलिसी बनाई है, उसके तहत सभी जिलों में गौशालाओं का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गौवंश संरक्षण के लिए उठाए जा रहे कदमों से आने वाले समय में निराश्रित गौवंश की समस्या को काफी हद तक हल किया जा सकेगा।

निराश्रित गौवंश के लिए सरकार का नया कदम:

उत्तराखंड सरकार ने देश का पहला ऐसा राज्य बनने का दावा किया है, जिसने निराश्रित गौवंश के लिए मंत्रिमंडल से एक विशेष नीति पास की है। इस नीति के तहत सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपनी-अपनी सीमा में निराश्रित गौवंश के लिए आश्रय स्थल सुनिश्चित करें और किसी भी सरकारी भूमि को गौशाला बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकें।

Mansi Negi

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button