Agnipath Scheme Protests: तीनों सेना के आला अफसरों थल सेना के लैफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी, वायु सेना के एयर मार्शल सूरज कुमार झा और नौसेना के वाइस एडमिरल वीके त्रिपाठी ने रविवार को एक साझा प्रेस कांफ्रेस में स्पष्ट कहा कि रक्षा मंत्रालय सेना में भर्ती के लायी गयी अग्निपथ योजना किसी कीमत पर वापसी नहीं होगी। इतना ही अब सेना में नियमित भर्ती नहीं की जाएगी,बल्कि केवल अग्निवीरों को ही सेना में भर्ती किया जाएगा। इतना ही नहीं किसी भी तरह के उपद्रव, हिंसा, आगजनी, प्रदर्शन आदि गतिविधियों में शामिल होने वाले युवा सेना में नहीं लिये जाएंगे।
रक्षा सचिव अनिल पुरी ने बताया कि अग्निपथ योजना के पहले बैच के लिए दो वर्ष की छूट दी जाएगी। उन्होंने बताया अग्निपथ योजना के तहत कि वायुसेना में भर्ती प्रक्रिया 24 जून से, नौ सेना में 25 जून और थल सेना में 1 जुलाई से शुरु कर दी जाएगी। उन्होने कहा कि सेना में अनुशासन पहली प्राथमिकता है। इसलिए हर अभ्यर्थी से किसी भी तरह के उपद्रव, हिंसा, आगजनी, प्रदर्शन आदि गतिविधियों में शामिल होने वाला प्रमाण-पत्र लेने और उनके खिलाफ किसी भी तरह के आपराधिक मामला दर्ज न होने संबंधी पुलिस जांच प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के बाद उन्हें सेना भर्ती की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
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प्रेसवार्ता में बताया गया कि अग्निवीरों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं होगा। उन्हें वैसी ही सुविधाएं दी जाएंगी, जैसे अन्य सैनिकों की दी जाती हैं। अग्निवीरों को सेवाकाल में प्रतिवर्ष 30 दिन का अवकाश, शहीद होने पर एक करोड़ का मुआवजा मिलने, 11 लाख तक के सेवाकाल की वेतनराशि टैक्स मुक्त होने, चिकित्सा व आवास भत्ता देने, कैंटीन सुविधा दी जाएगी। इसके साथ ही चार साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर अपना व्यवसाय करने लिए अग्निवीर कौशल प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जिसके आधार पर बैंकों से आसानी से ऋण प्राप्त किया जा सकेगा।
तीनों सेनाओं ने दावा किया कि यह योजना बहुत सोच समझकर लायी गयी है और इसमें होने वाले संशोधन पूर्व नियोजित थे। इस योजना के बारे में जो अफवाहें फैलायी जा रहीं हैं, उनसे युवाओं को सतर्क रहने की जरुरत है। उन्होने कहा कि हमारी योजना सेना में युवा सैनिकों की अधिकता रखना है। अगले चार सालों में तीनों सेनाओं में 40 से 50 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी।