नई दिल्ली: उत्त्तर प्रदेश का रहने वाला रोहित एक ऐसी बीमारी से जूझ रहा है, जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. रोहित की उम्र महज 12 साल है इसके बावजूद बच्चे की 100 हड्डियां टूट चुकी हैं. एक साल में रोहित की लगभग 8 हड्डियां टूट चुकी हैं.
रोहित को हड्डी की कोई भयावह बीमारी है. इस बीमारी का नाम ऑस्टियोपोरोसिस है. ये एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिससे हल्के झटके से ही रोहित की हड्डियां टूट जाती है. वो छोटा सा बच्चा बाकी बच्चों की तरह खेल नहीं पाता. स बीमारी की वजह से रोहित की बढ़ने की क्षमता पर भी असर पड़ रहा है. रोहित की लंबाई सिर्फ 1 फुट 4 इंच और वजन 14.5 किलो है.
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क्या है ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी?
ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियां काफी कमजोर हो जाती हैं और आसानी से टूट जाती हैं. यह बीमारी होने पर हड्डियां इतनी ज्यादा कमजोर हो जाती हैं कि हल्के से स्ट्रेस जैसे हल्का सा मुड़ने या खांसने पर आसानी से टूट जाती हैं या उनमें फ्रैक्चर आ जाता है. हड्डियां लिविंग टिशू होती हैं और इनकी मरम्मत का काम आजीवन चलता रहता है. लेकिन जब बोन मेटाबॉलिज्म ठीक से काम नहीं करता है तो हड्डियां कमजोर और पतली हो जाती हैं. ये एक ऐसी बीमारी है जो पुरुषों-महिलाएं किसी को भी हो सकती है. लेकिन जो महिलाएं मेनोपॉज से गुजर चुकी हैं उनमें इस बीमारी का खतरा काफी ज्यादा होता है. दवाइयों, हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज से हड्डियों को टूटने से बचाया जा सकता है और इन्हें भी मजबूत भी बनाया जा सकता है.
ऑस्टियोपोरोसिस के कारण
हमारे शरीर में मौजूद हड्डियां लगातार अपना काम करती रहती हैं. जब आप जवान होते हैं तो आपका शरीर तेजी से हड्डियों की मरम्मत करता है और उन्हें रिफॉर्म करता है. लेकिन 20 साल की उम्र के बाद से ये प्रोसेस धीरे हो जाता है. जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, हड्डियों का निर्माण काफी धीमा हो जाता है.
ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण
बैक पेन
बॉडी पाश्र्चर में झुकाव
वजन का कम होना
हड्डियां का काफी आसानी से टूट जाना
रिस्क फैक्टर
ऐसे बहुत से कारण हैं जिनकी वजह से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या का सामना करना पड़ सकता है जैसे-
जेंडर-
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी का खतरा काफी ज्यादा होता है.
उम्र-
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी बढ़ता जाता है.
रंग-
माना जाता है कि व्हाइट और एशियन लोगों में ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा ज्यादा होता है.
ईटिंग डिसऑर्डर-
यह एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति या तो बहुत ज्यादा खाता है या इतना कम खाता है कि उसका वजन काफी कम होता है जिससे बॉडी मास घट जाता है.
कम कैल्शियम का सेवन-
शरीर में कैल्शियम की मात्रा कम होने के कारण ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा काफी ज्यादा होता है. शरीर में कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं. जिस कारण यह आसानी से टूट जाती हैं.
डाइट्री फैक्ट्रर-
इन लोगों में होता है ऑस्टियोपोरोसिस का सबसे ज्यादा खतरा
बॉडी साइज-
पुरुषों और महिलाओं, जिनकी बॉडी साइज छोटा होता है उनमें ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा काफी ज्यादा होता है क्योंकि उम्र बढ़ने से साथ ही इनका बॉडी मास कम हो जता है.