नई दिल्ली: कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू 34 साल पुराने 1988 के ‘रोड रेज’ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक साल कारावास की सजा सुनाई है. सिद्धू ने कोर्ट से सरेंडर करने के लिए थोड़ा वक्त मांगा था. लेकिन अब उन्होंने पटियाला कोर्ट के सामने सरेंडर कर दिया है.
अब सिद्धू को एक साल जेल में ही बिताना होगा. सिद्धू फिलहाल मेडिकल जांच के लिए पटियाला के माता कौशल्या हॉस्पिटल पहुंचे हैं. सिद्धू के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने राहत की आस के साथ सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया था, लेकिन वहां से उन्हें राहत नहीं मिली.
अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएम खानविलकर की पीठ के सामने नवजोत सिंह सिद्धू का मामला मेंशन किया. अभिषेक मनु सिंघवी ने सिद्धू की खराब सेहत का हवाला देते हुए सरेंडर करने के लिए कुछ वक्त देने की गुजारिश की. जस्टिस खानविलकर ने इस पर कहा कि ये मामला विशेष पीठ से संबंधित है. इस मामले में मुख्य न्यायाधीश के समक्ष अर्जी दायर कर सुनवाई की मांग करें.
यहां पढ़ें- नवजोत सिंह सिद्धू ने सरेंडर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से क्यों मांगा वक्त, समय लेने की बताई यह वजह
सुप्रीम कोर्ट में आज यानी 20 मई के बाद गर्मी की छुट्टियां शुरू हो रही हैं. आज के बाद 51 दिन गर्मी की छुट्टियां रहेंगी. इस अवधि में अर्जेंट मामलों की ही सुनावाई होगी. नवजोत सिंह सिद्धू के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने चीफ जस्टिस की कोर्ट में इस मामले को मेंशन नहीं किया. इससे पहले चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने अर्जेंट मेंशनिंग के समय ही साफ कर दिया था कि अर्जेंट मेंशनिंग सूची में दर्ज मामलों के अलावा कोई भी फ्रेश मैटर नहीं सुना जाएगा जो लिस्टेड न हो.
नवजोत सिंह सिद्धू खराब सेहत का हवाला देते हुए सरेंडर करने के लिए समय मांगने को याचिका दायर करेंगे. नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल कोई राहत भले ही नहीं मिली है, लेकिन वकीलों की ओर से इसके लिए कानूनी-दांवपेच आजमाए जा रहे हैं.