नई दिल्ली: यूपी के सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। रामपुर जिला प्रशासन आजम खान के जौहर विश्वविद्यालय परिसर स्थित दो इमारतों पर बुलड़ोजर चलाने की तैयारी कर रहा है। प्रशासन की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से बचने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
आजम खान 27 महीने बाद सीतापुर जेल से 20 मई को ही रिहा हुए हैं। जौहर विश्वविद्यालय मामले में उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली सशर्तो के अनुसार जिला प्रशासन उनके विश्वविद्यालय की 13 हेक्टेयर भूमि को पहले ही कब्जे में ले चुका है। इसी शर्त के अनुपालन में दो इमारतों के हिस्सों को ध्वस्त किया जाना है।
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आजम खान के अपने वकील निजाम पाशा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा आजम खान को दी गयी जमानत में इस तरह शर्त गलत है। इसलिए शीर्ष अदालत से इस मामले में दखल देकर रामपुर जिला प्रशासन द्वारा जौहर विश्वविद्यालय परिसर की दो इमारतों के हिस्सों पर बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने की गुहार लगाई गया है। निजाम पाशा ने याचिका पर वैकेशन बेंच में सुनवाई का अनुरोध किया था, लेकिन उन्हें याचिका को रजिस्टार के समक्ष ले जाने के लिए कहा गया।