नई दिल्ली: दिल्ली के शाहीनबाग में अवैध निर्माण कर बसाई गई बस्तियों पर बुलडोजर चलाने को लेकर भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (सीपीआईएम) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज किया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को रद्द कर दिया और उन्हें हाईकोर्ट जाने का आदेश दे दिया.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर 2 बजे से सुनवाई शुरू हुई. सुनवाई शुरू होते ही सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि, राजनीतिक दल ने आखिरकार ये याचिका दर्ज क्यों की है और हम पीड़ित पक्ष की बात सुनेंगे, और उन्हें याचिका हाईकोर्ट ले जाने को बोल दिया.
CPIM के वकील ने कहा कि कोर्ट ने ही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर रोक लगाई थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट बोलते है कि हमने देश में अतिक्रमण के खिलाफ चल रही किसी भी अतिक्रमण को नहीं रोका है. अगर किसी के रिहायशी मकान को गिराया जायेगा तो हम जरूर उस पर कार्रवाई करेंगे.फिलहाल ये सड़क के अतिक्रमण को हटाने का मुद्दा है.
MCD के अनुसार, आज शाहीन बाग में अतिक्रमण हटाया जाना था लेकिन बुलडोजर वहां सुबह 11 बजे पहुंचा. उसे वहां कुछ किए बिना लौटना पड़ा. दरअसल शाहिनबाग में लोगों ने अतिक्रमण को रोकने का विरोध किया और कई लोगों ने बुलडोजर के सामने धरना भी दे दिया जिसके बाद धरने में कई महिलाओं को गिरफ्तार भी कर लिया गया.
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याचिका में राजनीतिक दल ने जिक्र किया था कि, प्राधिकरण झुग्गी बस्तियां ढहाने की सलाह बना चुके हैं और अगले हफ्ते में उस पर अमल भी करेंगे. याचिका में यह भी लिखा था कि, इसी हफ्ते चार मई को संगम विहार में गरीबों की इमारतों पर बुलडोजर चलाया गया. अब सोमवार तक ओखला शाहीन बाग में भी ऐसा ही करने का ऐलान किया है.