नई दिल्ली: श्रीलंका में अनाज के लिए लोगों ने हाहाकार मचा रहे है. 16-16 घंटे बिजली कटौती के साथ वहां दूध, दवा की कमी आ गई है. वहं पर एटीएम में भी पैसे खत्म है घरेलू सिलेंडर के लिए महिलाओं, बच्चों के साथ बुजुर्गों की भी भीड़ लगी हुई है. ऑटो ड्राइवर भी ईंधन न होने के कारण परेशान है और महिलाए और बच्चे भूख से लाचार और बेबस हो गये है. पहली बार श्रीलंका में लोगों को ऐसे संकट से होकर गुजरना पड़ रहा.
श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया के इस्तीफे के लिए लोग ‘गो गोटबाया गो’ के नारे लगा रहे है. आम जनता वहां बहुत बड़े संकट से गुजर रही. ऐसे में वहां के राष्ट्रपति वहां के लोगों को केवल समझा सकते है.लोग जरूरतों को पूरा करने के लिए सड़क पर उतर गये है अब इन लोगों को अपनी छोटी-छोटी चीजों के लिए सरकार से लड़ना पड़ेगा.
आर्थिक संकट से श्रीलंका के हालात बिगड़ते ही जा रहे है. वहां पेट्रोल डीजल की किल्लत से अर्थव्यवस्था को रोक दिया गया है. वहां कई सारे पेट्रोल पंप पर पेट्रोल नहीं है और जहां पेट्रोल है भी वहां लोगों की लंबी कतार लगी हुई है. श्रीलंका में पेट्रोल की कीमत 90 फीसदी और डीजल की कीमत 138 फीसदी बढ़ा दी गई. श्रीलंका में महंगाई दर 17 फीसदी को भी पार चुकी है. पिछले कुछ दिनों में डॉलर के मुकाबले 80 फीसदी से ज्यादा कम हो चुकी है. मार्च में 1 डॉलर की कीमत 201 श्रीलंकाई रुपये आ चुकी है. राष्ट्रपति गोटपाया राजपक्षे ने ट्विटर पर प्रदर्शनकारियों से अपील की थी कि वे चाहे जिस भी पार्टी के हों लेकिन शांत रहें और हिंसा रोक दें. नागरिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करें.
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हिंसा की घटनाओं के बीच सेना फिर हालात काबू में करने के लिए सड़कों पर है. फिलहाल वहां दोबारा आपातकाल लगा दिया गया है और सड़क पर दिखते ही गोली मारने के आदेश दिये गए हैं.