हिमाचल प्रदेश

घाटी में बारिश को तरसे लोग, भगवान से की दुआ!

Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में पहली नजर में लगेगा कि घाटी में हो रहे किसी धार्मिक कार्यक्रम की हैं। सड़कों पर भीड़ जमा है। कुछ लोग ढोल बज रहे हैं।कुछ लोग नृत्य कर रहे हैं, तो वहीं कई लोग दुआ पढ़ रहे हैं, इस प्रार्थना ये लोग घाटी में बारिश के लिए दुआ पढ़ रहे हैं, ताकि इनकी दुआ कबूल हो और घाटी में मेघदूत जमकर बरसे… जब भी घाटी में मौसम परेशान करता है तो कुछ इसी अंदाज में लोग एकजुट होकर इबादत करते हैं।
दरअसल जम्मू-कश्मीर में लोग बारिश की बूंद के लिए तरस रहे हैं.. श्रीनगर में तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है.. यहां आज न्यूनतम तापमान 24.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 132 साल के इतिहास में दूसरा सबसे अधिक तापमान है, गर्मी से राहत पाने के लिए पर्यटक और स्थानीय लोगों की भीड़ नदी और झील के किनारे जमा हो रही है। गर्मी ने घाटी को किस कदर झुलसा रखा है.. इसकी बानगी आप विशेष प्रार्थनाओं की अलग-अलग तस्वीरों से समझा जा सकता है।


महिलाएं, बुजुर्गों की भीड़ दुआ की मुद्रा में आगे बढ़ रही है ताकि इंद्रदेव मेहरबान हो जाए औऱ कश्मीर की पहाड़ियों को बारिश की बूंदें गीली कर दें।मौसम के मिजाज से निजात पाने का ये कश्मीर की पारंपरिक प्रार्थना का हिस्सा है.. जब भी कश्मीर के लोगों को किसी भी समस्या का सामना करना पड़ता है, तो समाधान के लिए कदम विशेष प्रार्थना के साथ दरगाह की तरफ बढ़ जाते हैं.. भगवान इनकी दुआ कबूल करते हैं या नहीं पता नहीं लेकिन मौसम विभाग ने राहत के संकेत जरूर दिए हैं।
कश्मीर गर्मी से झुलस रहा है तो लद्दाख में भी गर्मी ने अलग टेंशन बढ़ा दी है..खराब मौसम, तूफान की वजह से आपने कई बार फ्लाइट कैंसिल होने की खबरें सुनी होगी।लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से फ्लाइट रद्द की गई हो. रविवार को लेह एयरपोर्ट पर ऐसा ही हुआ. जहां गर्मी की वजह से उड़ानें रद्द हो गई. इसको सरल शब्दों में समझे तो अब ग्लोबल वॉर्मिंग से मौसम में आ रहे बदलावों का असर फ्लाइट पर भी पड़ने लगा है।


दरअसल आपको बता दें कि बीते रविवार को लेह एयरपोर्ट पर इंडिगो की तीन फ्लाइट रद्द हुई थी। इसी दिन स्पाइसजेट की एक उड़ान रद्द हुई थी। शनिवार को दिल्ली से आई एक फ्लाइट लेह एयरपोर्ट पर लैंड नहीं कर पाई थी। लेह में तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है…यानि भीषण गर्मी…और गर्मी की वजह से ऐसी कंडिश्स बन रही है जिससे फ्लाइंट्स ना तो उड़ पा रही है ना उतर पा रही है।
लद्दाख एयरपोर्ट 11 हजार फीट की ऊंचाई पर है। यहां हवा में हमेशा उमस रहती है और हवा बहुत हल्की होती है। 11 हजार फीट की ऊंचाई पर होने की वजह से ऑक्सीजन भी कम होती हैऊपर से 35 डिग्री की भीषण गर्मी है।इस तरह की स्थिति में फ्लाइट्स को उड़ान भरने के लिए पावर नहीं मिल पाती, जिसकी वजह से फ्लाइट्स या तो कैंसिल हो रही है या लैंड नहीं कर पा रही है… लेह-लद्दाख में अगर ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से इसी तरह तापमान बढ़ता रहा तो यहां से विमानों का संचालन मुश्किल हो जाएगा।

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